अयोध्या का लाल लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी शहीद
अयोध्या। देश के लिए एक और वीर सपूत ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। सिक्किम में तैनात भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी एक बड़ी दुर्घटना के दौरान अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए शहीद हो गए। शशांक तिवारी अयोध्या जनपद की ग्राम सभा गद्दोपुर के मझवा गांव के निवासी थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिक्किम में सेना की एक महत्वपूर्ण ड्यूटी के दौरान अचानक हुई एक बड़ी घटना में लेफ्टिनेंट शशांक ने न केवल अपने कर्तव्यों का पालन किया, बल्कि खतरे की परवाह किए बिना कई लोगों की जान बचाई। इस दौरान वे गंभीर रूप से घायल हुए और वीरगति को प्राप्त हुए।
लेफ्टिनेंट शशांक की शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव और जनपद में पहुंची, शोक की लहर दौड़ गई। हर आंख नम है और पूरे क्षेत्र में गर्व और गम का मिला-जुला माहौल है। गांववालों को अपने सपूत की बहादुरी पर नाज़ है, तो वहीं उनके असमय चले जाने का गम भी गहरा है।
भारतीय सेना की ओर से शहीद के पार्थिव शरीर को विशेष सैन्य विमान (एयरक्राफ्ट) से आज अयोध्या लाया जाएगा। यहां से पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव मझवा ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की अंतिम यात्रा में प्रशासनिक अधिकारी, सेना के उच्चाधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और भारी संख्या में ग्रामीणों के शामिल होने की संभावना है।
अयोध्या ने एक वीर सपूत खोया है, लेकिन देश को गर्व है कि उसकी मिट्टी ने ऐसा जवान दिया, जिसने अंतिम सांस तक अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखा। शहीद शशांक तिवारी की शहादत देशवासियों के लिए प्रेरणा बनकर हमेशा अमर रहेगी।