कमर तोड़ महंगाई ने खटाई को भी नहीं छोड़ा, 250 रुपये किलो तक पहुंची कीमत
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मछलीशहर (जौनपुर)। इस समय पके आमों की बहार ने मछलीशहर तहसील क्षेत्र की बाजारों को रौनकदार बना दिया है। बाहर से आने वाले आमों के साथ-साथ स्थानीय स्तर के आमों की भी भरपूर आवक हो रही है। मुंगराबादशाहपुर कस्बे सहित सरायडिंगुर गांव के आम जगह-जगह ठेलों पर सजे दिखाई दे रहे हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में अधिकांश गृहिणियों ने आम से अचार और सिरका बनाकर साल भर के लिए तैयारी पूरी कर ली है।
जिनके पास अपने आम के बाग नहीं हैं, वे बाजार से सूखी खटाई खरीदकर उससे अचार तैयार कर रहे हैं। लेकिन इस बार सूखी खटाई की कीमतों ने लोगों को हैरान कर दिया है। मछलीशहर कस्बे की बाजारों में खटाई 200 से लेकर 250 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है।
बिक्रेताओं का कहना है कि सूखी खटाई तैयार करना आसान काम नहीं है। आम की खरीदारी के बाद उसकी छिलाई, काटने, धूप में सुखाने और फिर भंडारण तक पूरी प्रक्रिया में काफी मेहनत और लागत लगती है। लेबर खर्च भी काफी अधिक है, जिसके चलते उन्हें खटाई ऊंचे दामों पर बेचनी पड़ रही है।
महंगाई की मार ने अब खटाई जैसे आम घरेलू उत्पाद को भी नहीं छोड़ा है। जहां पहले इसे हर घर में आसानी से तैयार किया जाता था, वहीं अब इसकी महंगी कीमत आमजन की रसोई से इसे दूर करती दिख रही है।