न जुर्माने का डर और न मरने का खौफ,हम चलेंगे अपनी ही मौज में
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।जौनपुर। रोज-रोज हो रही सड़क दुर्घटनाओं में कई बार राहगीरों की मौत मात्र इस कारण से हो जा रही है कि उन्होंने हेलमेट नहीं पहन रखा था।सर की चोट बहुत ही खतरनाक होती है। राहगीरों को तो सड़क वर्ल्ड लेवल की चाहिए, चौड़ी सी और चिकनी सी लेकिन सड़क सुरक्षा के नाम पर लाखों की बाइक से घूम रहे ये लोग हजार रुपए का हेलमेट सर पर नहीं डाल सकते।यह मछलीशहर- जंघई सड़क पर जंघई रेलवे क्रासिंग का सोमवार की सुबह का दृश्य है जिसमें स्पष्ट दिख रहा है कि 20 से 30 प्रतिशत लोग ही हेलमेट लगाये हुये हैं। एक महोदय तो अपने पीछे बैठी महिला को हेलमेट सुपुर्द किये हुये हैं मात्र जुर्माने से बचने के लिए। नियमों की बात करें तो बाइक चलाने वाले और उसके पीछे बैठे चार साल की उम्र के ऊपर के हर व्यक्ति को हेलमेट लगाना जरूरी है लेकिन नियम तो नियम हैं हकीकत आपके सामने है। मछलीशहर-जंघई सड़क जब से राष्ट्रीय राजमार्ग बनी है पिछले तीन चार महीनों में दर्जनों एक्सीडेंट हो चुके हैं जिसमें कई बाइक सवार मात्र इसलिए काल कवलित हो गये क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं लगाये थे।नव युवकों की ओवर स्पीड का कम्पटीशन इस सड़क पर देखते ही बनता है।आज कल शादी विवाह का मौसम चल रहा है शाम होते ही मौसम बदल जाता है। कुछेक राहगीरों की स्पीड साफ़-साफ़ बताती है कि अब चढ़ गई है। ऐसे गैरजिम्मेदार लोगों से बचने के लिए एक आम आदमी के पास हेलमेट लगाकर धीमी गति से अपने किनारे चलने के अलावा कोई अख्तियार भी तो नहीं है।समाज में आज की युवा पीढ़ी में अब अदब रहा कहां ? टोक दीजिए तो घूरने से पिछड़ती नहीं है।