डिस्पोजल मांस को जेसीबी से खुदवा जाँच को भेजा गया
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भदोही । गोपीगंज में विवादित
मांस प्रकरण के मामले में शनिवार को ज्ञानपुर क्षेत्राधिकारी की उपस्थिति
में भवानीपुर स्थित घाट पर पूर्व थाना अध्यक्ष के द्वारा डिस्पोजल किए गए
मांस को जेसीबी से खुदवा कर जांच के लिए भेजा गया ज्ञात हो पिछले 26 जनवरी
को थानाध्यक्ष गोपीगंज रमेश चौबे के द्वारा लाला नगर टोल प्लाजा के पास के
एक मिनी ट्रक पर लदे मांस को पकड़ा गया था और 3 दिन बीत जाने के बाद मांस
से बदबू उठने पर उसे भवानीपुर स्थित गंगा घाट के किनारे गहरा गड्ढा खोद
वाकर डिस्पोजल कर दिया गया था उक्त मामले में दोबारा भी पुलिस अधिकारियों
की मौजूदगी में मांस को जेसीबी से निकलवा कर जांच के लिए भेजा गया था और
उसी मामले में रमेश चौबे को गोपीजन थाना व ऊज थाना से लाइन हाजिर किया गया
था उसी मामले में मामले की विवेचना कर रहे क्षेत्राधिकारी यस यस पांडे के
द्वारा विवेचना में सहूलियत को लेकर कोर्ट से उक्त गड्ढे को खुदवा कर मांस
देखने व मांस को जाच के लिए भेजने की अपील की गई थी जिसमें कोर्ट का आदेश
मिलने पर शनिवार को क्षेत्राधिकारी थानाध्यक्ष ऊज थानाध्यक्ष गोपीगंज एवं
भारी पुलिस बल तथा मांस के व्यापारी हाजी मोहम्मद इकबाल के समक्ष जेसीबी
लगाकर लगभग 6 फिट गहरा तथा लगभग 15 फिट की लंबाई चौड़ाई में पूर्व में
डिस्पोजल किए गए मांस के गड्ढे को खुदवाया गया जिसमें मांस के सड़े गले
लोथडे लगभग 14 किलो 900 ग्राम मिले जिसमें से 560 ग्राम मांस के लोथड़े को
मथुरा स्थित लैब में जाच करने के लिए भेजा गया वहीं व्यापारी का कहना रहा
कि मेरा मांस नहीं था मेरा तो ओमैस्म था।इस दौरान ग्राम वासियों की भारी
भीड़ भी मौजूद थे । प्रकरण के मामले में भवानीपुर के नागरिकों में काफी
आक्रोश भी रहा ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि जिस रास्ते पर मांस
गाड़ा गया है उसी रास्ते से प्रतिदिन गांव के पुरुष और महिलाएं गंगा स्नान
करने जाते हैं और शासन प्रशासन के द्वारा आए दिन गड्ढे को खुलवा कर मांस
निकाला जा रहा है जिस से निकले बदबू व प्रदूषण से लोगों को गंभीर बीमारी भी
हो सकती है साथ ही उसी मार्ग से गंगा स्नान करने लोग कैसे जा पाएंगे कुछ
ग्रामीणों ने तो दबी जुबान से ये भी कहा कि अब मांस वाले गड्ढों की खुदाई
नहीं करने दी जाएगी।