सभी को समान शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने की मांग

जौनपुर। सभी के लिए समान शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने की मांग को लेकर संचालित राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान के तत्वावधान में मंगलवार को जौनपुर कलेक्ट्रेट परिसर में लोगों ने हस्ताक्षर किये तथा प्रधानमंत्री भारत सरकार को सात सूत्री ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट जौनपुर के माध्यम से भेजा।
अमीर या गरीब सभी को एक समान शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए हस्ताक्षर अभियान के आयोजकों ने कहा कि शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण के कारण आज समाज का एक बड़ा हिस्सा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहा है। कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण सरकारी विद्यालयों की स्थिति क्रमशः दयनीय होती जा रही है। इस संदर्भ में  उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के दृष्टिगत उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल के 18 अगस्त 2015 को दिए गए ऐतिहासिक फैसले का महत्व बहुत ही अधिक है। जिसमे कोर्ट ने सभी नौकरशाहों सरकारी कर्मचारियों और जन प्रतिनिधियों के लिए उनके बच्चों को सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़वाना अनिवार्य किये जाने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। उक्त आदेश से परिषदीय स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार की चर्चा समाज के हर स्तर पर प्रारम्भ हुयी थी लेकिन इसे सार्थक और व्यावहारिक स्तर तक ले जाने के लिए सरकार ने इच्छाशक्ति नही दिखाई।
अभियान के संयोजक बल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि एक राष्ट्र एक शिक्षा प्रणाली अभियान का मानना है कि देश में सभी को एक जैसी शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए चाहे वह राष्ट्रपति की संतान हो अथवा किसान की सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने से ही यह सम्भव हो सकेगा जब सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों जन प्रतिनिधियों व न्यायाधीशों के बच्चे सरकारी विद्यालय में पढ़ने जाएंगे तो सरकारी विद्यालयों की गुणवत्ता में रातों-रात सुधार होगा जिसका फायदा गरीब जनता को भी मिलेगा उसका बच्चा भी अच्छी शिक्षा पाएगा। इसका लाभ उन मध्यम वर्गीय परिवारों को भी मिलेगा जो अभी अपने बच्चों को मनमानी शुल्क वसूल करने वाले निजी विद्यालयों में भेजने के लिए मजबूर हैं क्योंकि तब ये लोग भी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में ही पढ़ाएंगे।
इस अवसर पर शिक्षा का अधिकार अभियान के रमेश यादव ने कहा कि नवोदय विद्यालयों और केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए अभिभावक उत्सुकता दिखाते हैं उसी प्रकार सरकारी प्राथमिक स्कूलों की भी गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार होने पर बच्चों के प्रवेश के लिए लोगों का झुकाव होगा उन्होंने ने कहा कि इस जन अभियान के माध्यम से हमारी मांग है कि इंटर तक की शिक्षा का पूर्ण सरकारीकरण किया जाये तथा निजी शिक्षण संस्थाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाये। माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक 18 अगस्त 2015 का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय  और इसे देश के स्तर तक लागू किया जाय। शिक्षा का बजट बढाया जाय। परिषदीयसरकारी स्कूलों में उच्च स्तर के संसाधन उपलब्ध कराये जाय। सभी सांसद एवं विधायक अपनी निधि से अनिवार्य रूप से कम से कम 30 प्रतिशत धनराशि अपने क्षेत्र के परिषदीय सरकारी विद्यालयों के संसाधन को उच्च स्तरीय बनाने में व्यय करें। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर की जाये। शिक्षकों से किसी भी प्रकार का गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाय तथा प्रत्येक सरकारी विद्यालय पर अनिवार्य रूप से लिपिक परिचारक चौकीदार और सफाई कर्मी की नियुक्ति हो और सभी के लिए समान शिक्षा की नीति पूरे देश में व्यवहारिक रूप से लागू की जा।
हस्ताक्षर अभियान में रमेश यादव बल्लभाचार्य पाण्डेय दीनदयाल सिंह, सूरज पाण्डेय, प्रदीप सिंह, गुरूपाल सिंह, आरती सिंह, शैलेन्द्र निषाद, बाल न्यासयालय के पूर्व न्यायाधीश संजय उपाध्याय, अनिल कुमार, सिकन्दकर मौर्या, शेर बहादूर, ज्योति, सीता, परवीन, उमाशंकर, कामरेड, उदल यादव, आदि लोग अभियान में शामिल रहें।   

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