स्कूल प्रशासन की कारस्तानी के चलते तीन दर्जन छात्र-छात्राओ का भविष्य अधर में
http://www.shirazehind.com/2017/08/blog-post_505.html
जौनपुर। स्कूल प्रशासन के नखादेपन्न के कारण तीन दर्जन छात्र-छात्राओ का भविष्य अधर में लटक गया है। यह मामला डीएम के दरबार में पहुंचने के बाद हड़कंप मच गया है। उधर बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला स्कूल प्रशासन अपनी खामियों को कबूल करते हुए छात्रो के अभिभावको को भी जिम्मेदार ठहरा रहा है। उधर डीएम के आदेश पर डीआईओएस ने जांच करके यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड को रिपोर्ट सौप दिया है। लेकिन अभी तक बच्चो को न्याय नही मिल पाया है।
जौनपुर जिले के मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र में सेंट जेवीयर नाम से एक इण्टर मीडिएट कालेज चलता है। इस स्कूल मान्यता पहले यूपी बोर्ड से मिला था लेकिन बीते आक्टूबर माह से इसे सीबीएसई बोर्ड ने भी मान्यता दे दिया। स्कूल प्रशासन ने अपने इण्टर के कुछ छात्र-छात्राओ को सीबीएसई बोर्ड तो कुछ को दोनो बोर्ड से फार्म भराकर अलग अलग परीक्षा दिलाया। यह मामला दोनो बोर्ड के संज्ञान में आने के बाद दोनो ने बोर्ड ने इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम रोक दिया। दोनो बोर्ड के परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्रो का रिर्जट नही आया तो छात्र-छात्राओ को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी। पहले स्कूल प्रशासन छात्रो को झूठी सात्वना देता रहा। जब स्कूला में दाखिले बंद हो गये तो छात्र-छात्राओ ने डीएम से मिलकर गुहार लगायी। डीएम इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को इसकी जांच सौप दिया।
उधर कालेज प्रशासन अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए इस जिम्मेदार छात्रो के अभिभावको को जिम्मेदार ठहरा रहे है।
उधर अपना भविष्य खराब होते देख छात्र-छात्राओ ने स्कूल प्रशासन पर जमकर अपनी भड़ास निकालते कहा कि स्कूल प्रशासन ने हम लोगो को अंधकार में रखकर दोनो बोर्ड से परीक्षा दिलाया। इसके एवज में जमकर धन की वसूली किया गया।
जौनपुर जिले के मड़ियाहूं कोतवाली क्षेत्र में सेंट जेवीयर नाम से एक इण्टर मीडिएट कालेज चलता है। इस स्कूल मान्यता पहले यूपी बोर्ड से मिला था लेकिन बीते आक्टूबर माह से इसे सीबीएसई बोर्ड ने भी मान्यता दे दिया। स्कूल प्रशासन ने अपने इण्टर के कुछ छात्र-छात्राओ को सीबीएसई बोर्ड तो कुछ को दोनो बोर्ड से फार्म भराकर अलग अलग परीक्षा दिलाया। यह मामला दोनो बोर्ड के संज्ञान में आने के बाद दोनो ने बोर्ड ने इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम रोक दिया। दोनो बोर्ड के परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्रो का रिर्जट नही आया तो छात्र-छात्राओ को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी। पहले स्कूल प्रशासन छात्रो को झूठी सात्वना देता रहा। जब स्कूला में दाखिले बंद हो गये तो छात्र-छात्राओ ने डीएम से मिलकर गुहार लगायी। डीएम इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को इसकी जांच सौप दिया।
उधर कालेज प्रशासन अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए इस जिम्मेदार छात्रो के अभिभावको को जिम्मेदार ठहरा रहे है।
उधर अपना भविष्य खराब होते देख छात्र-छात्राओ ने स्कूल प्रशासन पर जमकर अपनी भड़ास निकालते कहा कि स्कूल प्रशासन ने हम लोगो को अंधकार में रखकर दोनो बोर्ड से परीक्षा दिलाया। इसके एवज में जमकर धन की वसूली किया गया।