मोबाइल लाइब्रेरी महिलाओं तक पहुॅचायेगी जानकारीः शमशाद
http://www.shirazehind.com/2017/11/blog-post_81.html
मिर्जापुर। मोबाइल लाइब्रेरी के उद्घाटन के दौरान उपस्थित समूह को सम्बोधित करते हुए शमशाद भाई ने कहा कि मोबाइल लाइब्रेरी जिले में एक ऐसा पहला प्रयोग है जो कि ‘अपना हाथ, किताब के साथ’ स्लोगन के साथ गांव की महिलाओं तक जानकारियों की पहुंच बनायेगी। मोबाइल लाइब्रेरी योजना हालांकि शुरुआत में एक दर्जन गांवों में ही चलायी जायेगी, परन्तु धीरे-धीरे इसका विस्तार होता जायेगा। योजना के तहत 500 सुप्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें जन-जन तक पहुंचायी जायेंगी। लाइब्रेरी के तहत पुस्तकें गांव में तो घूमती ही रहेंगी परन्तु निकटवर्ती गांव में भी इसकी पहुंच बनेगी। प्रत्येक पाठक को 5 से 10 दिन का समय दिया जायेगा ताकि पुस्तकों का अध्ययन सुचारू रूप से हो सके।
मोबाइल लाइब्रेरी किशारियों और महिलाओं को लक्ष्य बनाकर स्थापित किया गया है परन्तु यह भी उद्देश्य होगा कि गांव के युवक और पुरुष भी इसका लाभ उठा सकें। इस परियोजना की तरफ यह आशा की जाती है कि अच्छा साहित्य एवं सूचनायें आमजन तक पहुंचेंगी।
इस अवसर पर समन्वयक इरफान खान ने कहा कि मोबाइल लाइब्रेरी परियोजना जानकारी प्राप्त करने में आम लोगों की मददगार होगी तथा गांव में साहित्य के क्षेत्र में एक अच्छा वातावरण बनेगा। मोबाइल लाइब्रेरी परियोजना कोआॅर्डिनेटर सुनीता मौर्या ने यह जिम्मेदारी ली है कि वे स्वयं गांव-गांव तक पहुंचेंगी। इसीलिए इसे मोबाइल लाइब्रेरी का नाम दिया गया है। शमीम बानो ने कहा कि ज्ञानवर्द्धक पुस्तकें एक स्थान पर न होकर एक चक्र में घूमकर ज्ञान फैलाती रहेंगी। मोबाइल लाइब्रेरी कार्यक्रम की शुरुआत हलिया ब्लाॅक के सुखड़ा केन्द्र से की गयी है जो कि मोबाइल लाइब्रेरी का भी केन्द्र बिन्दु होगा।
उद्घाटन के अवसर पर रामरूप राव, प्रमोद मौर्या, उमाशंकर, गुड़िया शर्मा, रामरती, धर्मशीला, नगीना, सीमा कुमारी, निर्मला देवी, राजकुमारी, विमला देवी, फागुनी देवी, निशा देवी, सुमन देवी आदि उपस्थित रहीं।
मोबाइल लाइब्रेरी किशारियों और महिलाओं को लक्ष्य बनाकर स्थापित किया गया है परन्तु यह भी उद्देश्य होगा कि गांव के युवक और पुरुष भी इसका लाभ उठा सकें। इस परियोजना की तरफ यह आशा की जाती है कि अच्छा साहित्य एवं सूचनायें आमजन तक पहुंचेंगी।
इस अवसर पर समन्वयक इरफान खान ने कहा कि मोबाइल लाइब्रेरी परियोजना जानकारी प्राप्त करने में आम लोगों की मददगार होगी तथा गांव में साहित्य के क्षेत्र में एक अच्छा वातावरण बनेगा। मोबाइल लाइब्रेरी परियोजना कोआॅर्डिनेटर सुनीता मौर्या ने यह जिम्मेदारी ली है कि वे स्वयं गांव-गांव तक पहुंचेंगी। इसीलिए इसे मोबाइल लाइब्रेरी का नाम दिया गया है। शमीम बानो ने कहा कि ज्ञानवर्द्धक पुस्तकें एक स्थान पर न होकर एक चक्र में घूमकर ज्ञान फैलाती रहेंगी। मोबाइल लाइब्रेरी कार्यक्रम की शुरुआत हलिया ब्लाॅक के सुखड़ा केन्द्र से की गयी है जो कि मोबाइल लाइब्रेरी का भी केन्द्र बिन्दु होगा।
उद्घाटन के अवसर पर रामरूप राव, प्रमोद मौर्या, उमाशंकर, गुड़िया शर्मा, रामरती, धर्मशीला, नगीना, सीमा कुमारी, निर्मला देवी, राजकुमारी, विमला देवी, फागुनी देवी, निशा देवी, सुमन देवी आदि उपस्थित रहीं।