विनय आनंद ने लगाए ठुमके तो झूम उठे दर्शक
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जौनपुर। जौनपुर महोत्सव के तीसरे दिन समापन मौके पर रविवार को शाही
किला में बालीवुड अभिनेता विनय आनंद ने अपनी कला का जमकर प्रदर्शन किया। वे
जैसे ही मंच पर पहुंचे तो लोगों तालियों से उनका स्वागत किया। उन्होंने
अपने ठुमकों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोगों की डिमांड पर
विनय ने अपने मामा प्रख्यात फिल्म अभिनेता गो¨वदा के गीत चलो इश्क लड़ाएं
सनम .., मधुबाला गजब कर डाला .. पर डांस किया। उनके कार्यक्रम के बाद
समारोह का माहौल पूरी तरह से खुशनुमा हो गया।
विनय आनंद ने मंच पर भोजपुरी डायलाग से भी दर्शकों का खूब दिल जीता। उन्होंने कहा कि उन्हें जौनपुर आने का सौभाग्य मिला, इसके लिए वह जिलाधिकारी व स्थानीय जनता का तहेदिल से शुक्रगुजार हैं। उनके साथ डांस पर उनका साथ अभिनेत्री शिविका दीवान ने दिया। समारोह में भोजपुरी गायक शिव मिश्रा ने भी अपनी कला का जादू बिखेरा। कार्यक्रम की शुरुआत में कूरियस बैंड ने अपनी आकर्षक प्रस्तुति दी। लोक गायिका वनिता शर्मा ने भी देवी गीत जगदंबा दयाल भई .., होरी गीत मोरी चुनर में पड़ गयो दाग रे .., दादरा गीतों से वह लोगों के दिलों में मिश्री घोल गईं। तीन दिवसीय कार्यक्रम में कला, संस्कृति को समेटे जिले के स्थानीय कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियां भी हुई। इस दौरान वे अपनी कला का प्रदर्शन कर खूब वाहवाही लूटीं। कार्यक्रम के लिए शाही किला को दुल्हन की तरह सजाया गया था। अंतिम दिन दर्शकों की भीड़ देखने को मिली। आलम यह रहा कि बाहर निकलने व प्रवेश के समय लोग चीटी की तरह रेंगकर जाते रहे।
विनय आनंद ने मंच पर भोजपुरी डायलाग से भी दर्शकों का खूब दिल जीता। उन्होंने कहा कि उन्हें जौनपुर आने का सौभाग्य मिला, इसके लिए वह जिलाधिकारी व स्थानीय जनता का तहेदिल से शुक्रगुजार हैं। उनके साथ डांस पर उनका साथ अभिनेत्री शिविका दीवान ने दिया। समारोह में भोजपुरी गायक शिव मिश्रा ने भी अपनी कला का जादू बिखेरा। कार्यक्रम की शुरुआत में कूरियस बैंड ने अपनी आकर्षक प्रस्तुति दी। लोक गायिका वनिता शर्मा ने भी देवी गीत जगदंबा दयाल भई .., होरी गीत मोरी चुनर में पड़ गयो दाग रे .., दादरा गीतों से वह लोगों के दिलों में मिश्री घोल गईं। तीन दिवसीय कार्यक्रम में कला, संस्कृति को समेटे जिले के स्थानीय कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियां भी हुई। इस दौरान वे अपनी कला का प्रदर्शन कर खूब वाहवाही लूटीं। कार्यक्रम के लिए शाही किला को दुल्हन की तरह सजाया गया था। अंतिम दिन दर्शकों की भीड़ देखने को मिली। आलम यह रहा कि बाहर निकलने व प्रवेश के समय लोग चीटी की तरह रेंगकर जाते रहे।