इंसानियत का आंसूओं से गहरा रिश्ता हैः एस. एम. मासूम

जौनपुर। 15 मोहर्रम के मौके पर मोहल्ला मखदुमशाह अढ़न चाहरसू स्थित शिया मस्जिद में शेख नूरूल हसन मेमोरियल सोसाइटी के द्वारा हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी मजलिस आयोजित की गई। मजलिस को सम्बोधित करते हुये जाकिरे अहलेबैत जनाब एस. एम. मासूम ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने सारी दुनिया को यह संदेश अपनी कुर्बानी करबला के मैदान में पेश करके दिया कि ज़ालिम का विरोध अपनी पूरी ताकत से करना चाहिए चाहे जुल्म करने वालों की संख्या तुमसे ज्यादा ही क्यों न हो। हजरत इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में 10 मोहर्रम को अपने 71 साथियों के साथ 6 माह के भूखे प्यासे बच्चे की कुर्बानी पेश कर यह बता दिया कि इंसानिय को बचाने के लिए राहे हक ने भरा घर लुटा दिया जाता है। इमाम हुसैन की कुर्बानी का यह नतीजा है कि पूरी दुनिया मोहर्रम में अपने अपने तरीके से हजरत इमाम हुसैन अ.स. खिराजे अकिदत पेश करती है।  इंसानियत का आंसूओं से गहरा रिश्ता है करबला की मार्मिक घटना की दास्तान सुनकर उपस्थित जन समूह दहाडे़ मारकर रोने लगा अन्त में अन्जूमन कासिमिया चहारसू के शाहेबेबयाज़ नईम हैदर मुन्ने के नेतृत्व में अन्जूमन के दस्ते ने नौहा व मातम किया। मजलिस में मुख्य रूप से वसिम हैदर, अली अनुस, असलम नकवी, ए. एम. डेजी, तहसीन अब्बास सोनी, नेयाज हैदर, एम. एम. हीरा, मेंहदी भण्डारी, शौकत हुसैन, नासिर रज़ा गुड्डू, जाफर अब्बास, सोनू, मोनू, डा. राहिल, सैफ, आमीर रज़ा इत्यादि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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