साहित्यिक चोरी से बचें लेखक : डॉ गौरव
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जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूविवि में शनिवार को फार्मेसी संस्थान के रिसर्च एवं
इनोवेशन सेंटर में शोध पत्र लेखन एवं प्रकाशन विषयक कार्यशाला का आयोजन
किया गया।कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने शोध पत्र लेखन के विविध आयामों
पर प्रकाश डाला।कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय के विवेकानन्द केन्द्रीय
पुस्तकालय एवं स्प्रिंगर नेचर इंडिया दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में
किया गया।
कार्यशाला में बतौर विषय विशेषज्ञ
बायोमेडिसिन पत्रिका के संपादक डॉ गौरव सिंह ने कहा कि शोध पत्र लेखन में
नैतिक मूल्यों का ध्यान रखते हुए लेखकों को साहित्यिक चोरी से बचाना
चाहिए। स्तरीय पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशन होने से लेखकों की वैश्विक
छवि बनती है। उन्होंने कार्यशाला में शोधपत्र लेखन की सम्पूर्ण प्रक्रिया
को बताया।
स्प्रिंगर इण्डिया के क्षेत्रीय
प्रबंधक कुंज वर्मा ने कहा कि भारत में स्तरीय शोध पत्रिकाओं का प्रकाशन
हो रहा है जिसकी पहुंच वैश्विक है। शोध पत्रिका के प्रकाशक सदैव स्तरीय
शोध पत्रों को वरीयता देते है।
कार्यशाला में
आये हुए प्रतिभागियों का स्वागत मानद पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो० मानस
पाण्डेय एवं संचालन डा. विद्युत मल्ल ने किया। धन्यवाद् ज्ञापन डॉ० सचिन
अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर प्रो० वंदना राय,प्रो० अजय द्विवेदी ,प्रो०
बी डी शर्मा, प्रो० राजेश शर्मा,डॉ० देवेंद्र सिंह,डॉ० मनोज मिश्र ,डॉ०
राजेंद्र प्रताप सिंह, डॉ० प्रमोद यादव,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ,डॉ अवध
बिहारी सिंह,अन्नू त्यागी,डॉ सुनील कुमार, डॉ० जान्हवी श्रीवास्तव सहित
शिक्षक, विद्यार्धी प्रतिभाग किये।