आनंद सिंह से उगला एक और फर्जी शिक्षिका का राज
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जौनपुर। बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक आनंद सिंह की गिरफ्तारी के बाद जिले में एक और फर्जी नियुक्ति का खुलासा हुआ है। आनंद ने कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया खुटहन में दीप्ति पुत्री सुरेश चंद्र निवासी नई बस्ती कायमगंज फरुखाबाद की भी नियुक्ति कराई थी। एसटीएफ लखनऊ की पूछताछ में इस तथ्य का खुलासा होने के बाद अब विभाग ने दीप्ति के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।
लाइन बाजार थाना क्षेत्र के वाजिदपुर दक्षिणी निवासी आनंद सिंह वर्ष 2005 से बीएसए कार्यालय में सर्व शिक्षा अभियान में संविदा पर तैनात है। आनंद सिंह की पत्नी शोभा तिवारी इसी कार्यालय में बालिका शिक्षा की जिला समन्वयक हैं। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज आनंद सिंह के ही देख रेख में रखे जाते थे। प्रदेश भर के विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति कराने वाले गिरोह से आनंद सिंह की सांठगांठ है। यहां आवेदन करने के बाद काउंसिलिंग न कराने वाले अभ्यर्थियों का दस्तावेज वह भी नियुक्ति कराने वाले गिरोह को उपलब्ध कराता था। अनामिका शुक्ला और प्रीति यादव के अभिलेख भी उसी ने गिरोह को उपलब्ध कराए थे। एसटीएफ की पूछताछ में उसने बताया कि फरुखाबाद निवासी दीप्ति की नियुक्ति भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई है। उसकी नियुक्ति में रामबेटी पुत्री रामलड़ेते निवासी हसनापुर भोगांव मैनपुरी के अभिलेखों का इस्तेमाल किया गया है। दीप्ति फिलहाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया में तैनात है। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि दीप्ति की फोटो दिखाकर एसटीएफ ने पहचान कराई थी। मामला माध्यमिक शिक्षा से जुड़ा होने के कारण डीआईओएस से जानकारी लेकर उन्हें बताया गया था। दीप्ति से जुड़े जो भी रिकार्ड होंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
साभार - अमर उजाला
लाइन बाजार थाना क्षेत्र के वाजिदपुर दक्षिणी निवासी आनंद सिंह वर्ष 2005 से बीएसए कार्यालय में सर्व शिक्षा अभियान में संविदा पर तैनात है। आनंद सिंह की पत्नी शोभा तिवारी इसी कार्यालय में बालिका शिक्षा की जिला समन्वयक हैं। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज आनंद सिंह के ही देख रेख में रखे जाते थे। प्रदेश भर के विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति कराने वाले गिरोह से आनंद सिंह की सांठगांठ है। यहां आवेदन करने के बाद काउंसिलिंग न कराने वाले अभ्यर्थियों का दस्तावेज वह भी नियुक्ति कराने वाले गिरोह को उपलब्ध कराता था। अनामिका शुक्ला और प्रीति यादव के अभिलेख भी उसी ने गिरोह को उपलब्ध कराए थे। एसटीएफ की पूछताछ में उसने बताया कि फरुखाबाद निवासी दीप्ति की नियुक्ति भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई है। उसकी नियुक्ति में रामबेटी पुत्री रामलड़ेते निवासी हसनापुर भोगांव मैनपुरी के अभिलेखों का इस्तेमाल किया गया है। दीप्ति फिलहाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिहिया में तैनात है। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि दीप्ति की फोटो दिखाकर एसटीएफ ने पहचान कराई थी। मामला माध्यमिक शिक्षा से जुड़ा होने के कारण डीआईओएस से जानकारी लेकर उन्हें बताया गया था। दीप्ति से जुड़े जो भी रिकार्ड होंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
साभार - अमर उजाला