जिला कांग्रेस कमेटी जौनपुर का कुलपति पर सोसल वार
http://www.shirazehind.com/2020/06/blog-post_885.html
शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम की खबर का असर , कांग्रेस ने खोला मोर्चा
जौनपुर। जिला कांग्रेस कमेटी ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव के आज 6 जून 2020 को हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित बयान पर सोसल मीडिया के माध्यम से पलटवार किया है, जिला कांग्रेस कमेटी जौनपुर के आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा गया है कि आज के अखबारों में कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर प्रोफेसर आर.आर. यादव का एक बयान छपा है कि: "पीयू में इधर किसी तरह की न तो नियुक्ति की गई है और ना ही लिफाफा खोला जा रहा है" मैं कुलपति महोदय से पूछना चाहता हूं कि जो सात नियुक्तियां हाल हीं में आपने किया है वह कब की हैं? क्या विधि विभाग में शिक्षक का पद शासन से स्वीकृत है? क्या नियुक्ति के लिए शासन से अनुमति ली गयी है? क्या बिना विज्ञापन के किसी को स्थायी नियुक्ति दिया जा सकता है? क्या विश्वविद्यालय के सभी तदर्थ शिक्षक जो हालिया नियुक्ति पाने वाले लोगो से पूर्व के हैं वे स्थायी शिक्षक हो गये हैं? एक साल में आपका (कुलपति का) तीन आदेश,एक साल पहले ग्यारह माह की संविदा उसके तीन महीने बाद पांच साल की संविदा और अब उन्हें ही रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति में नियमित किया जाना बहुत कुछ बयां कर रहा है । दूसरी तरफ कुलपति द्वारा प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह को एक हफ्ता पहले निदेशक पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह संविदा के शिक्षक मंगला यादव जी की नियुक्ति निदेशक के रूप में कर दिया गया मै शासन से कुलसचिव सुजीत जायसवाल जी की छुट्टी रद्द करने की मांग करता हूँ । पोस्ट के साथ जिन सात लोगो की नियुक्ति की गयी उसकी सूची भी व कुछ हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों की कटिंग भी संलग्न की गयी है ।
जौनपुर। जिला कांग्रेस कमेटी ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव के आज 6 जून 2020 को हिंदी दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित बयान पर सोसल मीडिया के माध्यम से पलटवार किया है, जिला कांग्रेस कमेटी जौनपुर के आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा गया है कि आज के अखबारों में कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर प्रोफेसर आर.आर. यादव का एक बयान छपा है कि: "पीयू में इधर किसी तरह की न तो नियुक्ति की गई है और ना ही लिफाफा खोला जा रहा है" मैं कुलपति महोदय से पूछना चाहता हूं कि जो सात नियुक्तियां हाल हीं में आपने किया है वह कब की हैं? क्या विधि विभाग में शिक्षक का पद शासन से स्वीकृत है? क्या नियुक्ति के लिए शासन से अनुमति ली गयी है? क्या बिना विज्ञापन के किसी को स्थायी नियुक्ति दिया जा सकता है? क्या विश्वविद्यालय के सभी तदर्थ शिक्षक जो हालिया नियुक्ति पाने वाले लोगो से पूर्व के हैं वे स्थायी शिक्षक हो गये हैं? एक साल में आपका (कुलपति का) तीन आदेश,एक साल पहले ग्यारह माह की संविदा उसके तीन महीने बाद पांच साल की संविदा और अब उन्हें ही रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति में नियमित किया जाना बहुत कुछ बयां कर रहा है । दूसरी तरफ कुलपति द्वारा प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह को एक हफ्ता पहले निदेशक पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह संविदा के शिक्षक मंगला यादव जी की नियुक्ति निदेशक के रूप में कर दिया गया मै शासन से कुलसचिव सुजीत जायसवाल जी की छुट्टी रद्द करने की मांग करता हूँ । पोस्ट के साथ जिन सात लोगो की नियुक्ति की गयी उसकी सूची भी व कुछ हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों की कटिंग भी संलग्न की गयी है ।