एसपी चंदौली एक मासूम के लिए बने देवदूत , जनिए उनके इस कदम से कैसे बची बच्चे की जान

 

चंदौली । एक मासूम के लिए पुलिस अधीक्षक चंदौली उस समय देवदूत बन गए जब मासूम की जान सांसत में थी और उसको तत्काल इलाज की जरूरत है । इस दौरान पुलिस अधीक्षक चंदौली ने जहां मासूम को समय से अस्पताल पहुचाया । वही समय से इलाज मिलने के कारण बच्चे की जान बच गयी । बेहतर इलाज के लिए एसपी ने मासूम को वाराणसी बीएचयू में भर्ती कराया । जहां उसका इलाज चल रहा है । वहीं मासूम के परिजनों ने इसके लिए पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद दिया है । मासूम घर के पास खेलते समय तालाब में गिर कर बेहोश हो गया था ।

चंदौली के पुलिस अधीक्षक जहां भ्रष्टाचार के प्रति कड़ी कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं। वहीं इमानदारी से पुलिस प्रशासन चलाने में भी उनका कोई सानी नहीं है । यही नहीं पुलिस अधीक्षक आम जन के लिए जहां सदैव तत्पर रहते है । वही आमजन में पुलिस के प्रति सोच को बदलने में भी काफी प्रयासरत है । एसपी चंदौली अमित कुमार का एक ऐसा ही प्रयास इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है । जहां उनके प्रयास से एक 3 साल के मासूम की जान बच गयी । जानकारी के अनुसार सकलडीहा कोतवाली के रतनपुरा गावँ में खलते समय धर्मेंद्र राजभर का तीन साल का बच्चा तालाब में गिर गया । जब लोग बच्चे को खोजने लगे तो देखा कि बच्चा तालाब में गिरा पड़ा है । आनन फानन में लोगो ने बच्चे को तालाब से निकाला और इलाज के लिए लेकर भागे । 


इस बीच अलीनगर थाना क्षेत्र के मटकुट्टा गांव के पास डीडीयू गया रेल रूट पर रेलवे क्रॉसिंग के पास मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी और आवागमन ठप हो गया था । मालगाड़ी के बेपटरी होने के कारण अलीनगर सकलडीहा मार्ग पर आवनगमन बंद हो गया । इसी दौरान धर्मेन्द्र राजभर अपने बच्चे को लेकर परिजनों संग बदहवास अवस्था मे पैदल रेलवे ट्रैक पार कर रहा था कि तभी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार की नजर पड़ी और उन्होंने पूछा कि आप लोग रो क्यों रहे बच्चे को क्या हुआ । इस पर एक महिला ने बताया कि बच्चा खेलते समय तालाब में गिर गया था और बेहोश हो गया है। रेलवे फाटक पर मालगाड़ी के पटरी होने कारण दोनों तरफ वाहनों का रेला लगा हुआ था और सड़क पर जाने के लिए जगह नहीं था । बच्चे की बिगड़ती हालत को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने अपने स्कॉर्ट में लगी बोलेरो में बच्चे और उनके परिजनों को पुलिस कर्मियों के साथ तत्काल मुगलसराय इलाज के लिए भेजा। यहां पर राजकीय महिला चिकित्सालय में बच्चों के डॉक्टर ना होने पर तत्काल उसको अलीनगर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया । इस दौरान पुलिस अधीक्षक अमित कुमार भी अस्पताल पहुंचे और बच्चे के इलाज कर रहे डॉक्टर से उसके बारे में जानकारी ली और परिजनों से पूरे मामले की जानकारी ली । इस दौरान सूचना पाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट राम्या आर भी पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली । पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने परिजनों को ढांढस बंधाया और कहा कि बच्चे का पूरा इलाज होगा और उनको हर संभव मदद दी जाएगी । हालांकि पुलिस अधीक्षक के प्रयास से समय से इलाज मिल गया और मासूम की जान बच गई। बच्चे को बेहतर इलाज के लिए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया । जहां मासूम का इलाज चल रहा है और बच्चा खतरे से बाहर है ।


इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि हम लोग रेलवे क्रॉसिंग पर खड़े थे कुछ लोग एक बच्चे को लेकर बदहवास अवस्था में घूम रहे थे।  तत्काल उन्होंने पुलिस की गाड़ी से बच्चे और उसके परिजनों को अस्पताल भेजा । जहां समय से इलाज मिलने से बच्चे की जान बच गई ।

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