मुख्य बाजार से लेकर गलियों तक है दर्जनों जर्जर मकान
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जौनपुर। गुरुवार की रात रौजा अर्जन मोहल्ले में हुई दिलदहला देने वारदात के बाद नगर में दर्जनों जर्जर मकानों के आस पास रहने वाले भी दहल उठे है। हलाकि अब जिला प्रशासन इसके प्रति गंभीर हो गया है।
नगर क्षेत्र में ऐसे ही जर्जर दर्जनों मकान हैं जो मुख्य बाजार से लेकर गलियों में हैं, जहां कभी भी इस तरह का हादसा हो सकता है। इसमें तमाम गरीब परिवार रहने को विवश हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन की इस ओर नजर ही नहीं जाती हैं।
नगर के ईशापुर में नगर पालिका के सफाई कर्मियों के कालोनी के सभी कमरे जर्जर हो चुके हैं। इसको कंडम भी घोषित किया जा चुका है। 2007-08 में चेयरमैन वाल्मिकी समाज भारत सरकार आए थे तो उन्होंने इसकी मरम्मत का निर्देश दिया था। बावजूद इसके कोई काम नहीं हुआ। ओलंदगंज के नखास मोहल्ले में राजभवन है। यहां पर लंबे समय से मामूली दर पर लोग किराया देकर कब्जा जमाए हैं। गत माह इसके बारजा का प्लास्टर गिरने पर लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा ओलंदगंज, शाहीपुल, रुहट्टा, परमानतपुर, सब्जी मंडी आदि क्षेत्रों में कई जर्जर मकान हैं जो कभी भी गिर सकते हैं।
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि जर्जर मकान को लेकर अभियान चलाया जाएगा। ऐसे भवनों को चिन्हित करके वहां से लोगों को सुरक्षित निकालकर दूसरी जगह रखकर, उनको सरकारी व्यवस्था के तहत आवास उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे दोबारा इस तरह की कोई घटनाएं न हो।