अब थानाध्यक्षों को 48 घंटे में दुर्घटना संबंधी विवरण पेश करना अनिवार्य
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जौनपुर। विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 11 दिसंबर को संपन्न होगी इस संबंध में मातापुर स्थित एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल जज मनोज कुमार सिंह गौतम, प्राधिकरण सचिव शिवानी रावत व पीठ के सदस्य हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट ने अधिकतम एक्सीडेंट क्लेम के मुकदमों निस्तारित करने पर बल दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया जिसमें किसी क्षेत्र में दुर्घटना होने के बाद मृतक/ घायल,अभियोगी वाहन, नक्शा नजरी इत्यादि का संपूर्ण ब्यौरा संबंधित थानाध्यक्ष को 48 घंटे के भीतर ट्रिब्यूनल व बीमा कंपनी को भेजना आवश्यक है।इसके अलावा 30 दिन के भीतर विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करना होगा।
अधिवक्ताओं ने विवेचक द्वारा वर्षों से आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत न करने को न्यायिक कार्य तथा लोक अदालत ने मुकदमों के त्वरित निस्तारण में बाधा पहुंचाना बताया।जज मनोज कुमार सिंह गौतम ने लोक अदालत के संबंध में अगली बैठक 7 दिसंबर को विभिन्न बीमा कंपनियों के टी पी हब प्रभारियों को पत्र लिखकर उपस्थित होने के लिए आदेशित किया है जिससे अधिवक्ताओं से वार्ता के बाद क्षतिपूर्ति का निर्धारण कर अधिकतम मुकदमों का त्वरित निस्तारण किया जा सके। बैठक में 48 मुकदमों की सूची सुलह समझौते के लिए प्रस्तुत की गई।सचिव शिवानी रावत ने आगामी लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग की अधिवक्ताओं से अपेक्षा की। बैठक में अधिवक्ता सत्येंद्र सिंह, एके सिंह ,प्रवीण श्रीवास्तव, बृजेश निषाद, सूर्यमणि पांडेय, निलेश निषाद, सोभनाथ यादव,केके शर्मा, रविंद्र विक्रम सिंह, राणा प्रताप सिंह, जयप्रकाश पटेल,निलेश यादव, सनी यादव आदि उपस्थित थे।