माता-पिता की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य:मौलाना शेख हसन
दुनिया में नेक आमाल जिसका होता है उसके लिए जन्नत के दरवाजे खुले रहते हैं। मौलाना ने कहा कि इंसान कभी मरता नहीं है बल्कि उसकी रूह हमेशा अपने लोगों के साथ रहती है बस उन्हें बख्शने के लिए सूरे फातेहा पढ़ने के साथ साथ कुरआन की तिलावतें करते रहना चाहिए। जो लोग अपने वाल्दैन के साथ साथ अपने पूर्वजों को याद करते हैं उनकी रूहें ख़ुश होकर ख़ुदा से उनकी खुशहाली के लिए दुआएं करती हैं। हमे चाहिए कि शबे जुमा अपने मरहूम लोगों की कब्राों पर जाकर सूरे फातेहा पढ़कर उनकी मगफिरत के लिए दुआएं मांगे साथ ही अपनी ख्ुाशहाली के लिए दुआ करे। खुदा अपने नेक बंदों के लिए हमेशा दरवाजा खुला रखता है। मजलिस के बाद अंजुमन शमशीरे हैदरी के नौहेखां शहजादे ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। इस मौके पर एजाज हुसैन, नेहाल हैदर, नियाज हुसैन, सैयद गौहर अली जैदी, शाहिद मेंहदी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। हसनैन कमर दीपू ने सभी का आभार प्रकट किया।