मूल्यांकन केंद्र में 5 घंटे शिक्षकों के अभिलेखों को खंगालती रही जांच समिति
http://www.shirazehind.com/2022/06/5_21.html
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मूल्यांकन केंद्र में पहुंची जांच समिति 5 घंटे शिक्षकों के अभिलेख को खंगालती रही ।इसके अलावा सभी शिक्षकों से अभिलेख व जरूरी कागजात भी मांगे हैं । दूसरे दिन जांच समित जांच के लिए जाएगी। फर्जी परीक्षकों द्वारा जांची गई कापियों का आंकड़ा भी जुटाने में रही ।
मालूम हो कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्नातक परास्नातक की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिसमें आजमगढ निवासी एक फर्जी शिक्षक सुभाष चंद को जेल जाना पड़ा और नौ फर्जी शिक्षक मौके से फरार होने में सफल रहे। फर्जी शिक्षकों ने बड़ा खेल कर दिया । फरार शिक्षकों ने कई विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया। इतना ही नहीं अभी भी यूजी के पात्र शिक्षक पीजी के कापियो का मूल्यांकन कर रहे है । इसमें सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हिंदी के कापियों को जांचने का मामला सामने आया है।
बता दें कि कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया और उन्होंने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया। जिसमें प्रोफेसर रवि प्रकाश, डॉ ऋषिकेश ,डॉ गिरिधर मिश्रा व सहायक कुलसचिव अमृतलाल शामिल हैं। चार सदस्यीय जांच समिति मूल्यांकन केंद्र पर सुबह पहुंच गई फर्जीवाङे व शिक्षको से जुङे अभिलेख तथा कॉपियों के मूल्यांकन के बारे में चार घंटे से अधिक जाँच में उलझी रही, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। अगले दिन कुछ शिक्षकों के प्रमाण पत्र डाक्यूमेंट्स मागे है। ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स के साथ फर्जीवाङे के जड़ को पकड़ने के लिए 4 घंटे पूछताछ करती रही । हालांकि वह कितने अंदर तक पहुंच पायी यह अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ।
इस बारे में सहायक कुलसचिव अमृतलाल ने कहा कि 5 घंटे लगातार जाँच चली, जांच में क्या है वह खुलासा नहीं किया जाता। इसका रिपोर्ट गोपनीय रहेगी । अगले दिन फिर जांच कराई जाएगी। जब तक हम सभी जांच नही करने लेते तब तक जांच चलती रहेगी । हालांकि उन्हे समिति के सदस्यों का पता नहीं है।