शहरी क्षेत्र से हटाये जाय सुअरबाड़े : जिलाधिकारी

जौनपुर  कलेक्ट्रेट में बुधवार को जिला समन्वय समिति की अन्तर विभागीय बैठक में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने एक जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा 16 से 31 जुलाई तक चलने वाले दस्तक अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अभियान में सहयोग करने वाले विभागों को माइक्रोप्लान के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया। सुअरपालकों को शहरी क्षेत्र से सुअरबाड़े हटवाने को पशुपालन विभाग से कहा गया जिससे वह बाहर न घूमने पायें।

उन्होंने सभी जनपद स्तरीय कार्यों को माइक्रोप्लान के अनुसार कार्य करने को कहा। अभियान से पहले प्रधान, खंड विकास अधिकारी(बीडीओ) सभासद सहित अन्य विभागों के संबंधित अधिकारियों के प्रशिक्षण के बारे जानकारी ली। इस पर संबंधित विभागों की ओर से बताया गया कि सभी अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है।

 बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग को कुपोषित बच्चों का चिह्नीकरण कर ज्यादा कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भेजकर उन्हें स्वस्थ बनाने के निर्देश दिये। कृषि विभाग को अपने तरीके से चूहे और छछूंदर पर नियंत्रण करने को कहा गया जिससे बीमारियां न फैल सकें। सिंचाई विभाग को नहर और नालियों के किनारे उगी झाड़ियों और वनस्पतियों की अपने तरीके से सफाई करने को कहा गया।

 जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम विकास विभाग प्रधानों के सहयोग से रैलियां निकालकर लोगों को जागरूकता संबंधी संदेश दे। शिक्षा विभाग भी रैलियों के माध्यम से आमलोगों को जागरूक करे। हर स्कूल में एक नोडल शिक्षक बनाये जायें जो बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों के प्रति जागरूक करें। बच्चों को पानी इकट्ठा न होने देने तथा साफ-सफाई के फायदे बताये। ग्राम  स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) की बैठकों में भी लोगों को इस संबंध में बताया जाये। माइक्रोप्लान के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में नालियों की सफाई पूरी कर ली जाये। गांवों में नालियों में झाडिय़ों की सफाई तथा इंडिया मार्क-टू हैंडपंप की मरम्मत कर ली जाये तथा लक्षित हैंडपंपों के प्लेटफार्मों की मरम्मत कर ली जाये। नगर विकास विभाग को शहरी क्षेत्र की नालियों की सफाई तथा शहर के वार्डों में फागिंग कराना है। 

        जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को शत-प्रतिशत जन्म-मृत्यु का पंजीकरण कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ सभी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी)/अधीक्षकों, जिला महिला एवं पुरुष चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों (सीएमएस) को अपनी स्वास्थ्य इकाइयों में जन्म-मृत्यु को तुरंत अपडेट करने के लिए निर्देशित किया। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में जिला कार्यक्रम सहायक (डीपीए) को सभी निजी चिकित्सालयों जन्म-मृत्यु पंजीकरण का इनफार्मेशन आईडी तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। 


           उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी से कहा कि योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने की स्थिति संतोषजनक नहीं है। उसमें सुधार की जरूरत है। गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) की समीक्षा के दौरान जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) से यह सुनिश्चित कराने को कहा कि आशा कार्यकर्ता नवजात शिशुओं के गृह भ्रमण के निर्देशों का पालन कर रही हैं कि नहीं। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र बाल आपातकोष (यूनीसेफ) की तरफ से फीडबैक मिला कि अधिकतर आशा कार्यकर्ताओं के पास थर्मामीटर नहीं है जिसकी आपूर्ति के लिए सभी एमओआईसी को निर्देशित किया गया।

          समीक्षा के दौरान सभी सीएचसी/पीएचसी से नवजात बच्चों के जिला महिला अस्पताल में रेफर नहीं किए जाने के मामले सामने आए। इसपर जिलाधिकारी ने सभी एमओआईसी/अधीक्षकों से सपष्टीकरण मांगा। साथ ही आगामी माह तक सुधार लाने के निर्देश दिये।

           बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० लक्ष्मी सिंह, सभी एसीएमओ, जनपद के सभी खंड विकास अधिकारी, सभी एमओआईसी मौजूद रहे।

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