शहीद के शिलापट्ट पर धुंधली होती यादों को पत्रकार ने पुनः कराया अंकित

बताते चलें कि रविवार को एक अखबार में "सिमटती शहादत को भूलते लोग शीर्षक के नाम से खबर छपी जिसमे अमर शहीद संजय सिंह के पैतृक आवास के तरफ जा रही रोड पर लगे पत्थर का शिला लगा हुआ था जिसपर शहीद का नाम धुंधला व भूलता नजर आ रहा था। खबर सोशल मीडिया पर देखते ही पत्रकार आदर्श मिश्रा रविवार की सुबह ही केराकत भौरा ग्राम के लिए निकल दिए और केराकत भौरा ग्राम पहुंचने के बाद लोकल पत्रकारों से पेंटर की मांग करने लगे जिस पर एक कलाकार सर्वेश चंद से उनका संपर्क कराया गया। सर्वेश चंद अपनी कलाकारी का सामान लेकर उक्त जगह पर पहुंच गए हैं और पत्थर पर पुनः शहीद संजय सिंह के नाम को बड़े ही कलाकारी के साथ अंकित करते हुए अपने कार्य को पूर्ण किया। जिस पर आदर्श मिश्रा ने उनसे पूछा की कितने पैसे हुए आपके? उस पर एक कर्तव्यनिष्ठ देश के नागरिक कलाकार सर्वेश चंद का जवाब था कि यह कार्य देश का है और देश के लिए हम सदैव तत्पर हैं साथ ही कहा कि प्रदेश के हर उन पेंटरों से मेरा अनुरोध है कि इस तरह का अगर कही भी शहीद का शिलापट्ट लगा हो अगर उसपर अंकित नाम धुंधला हुआ है तो खुद ही अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए तत्काल शिलापट्ट पर पुनः नाम अंकित करे।इस कर्तव्यनिष्ठ जवाब को सुनकर आदर्श मिश्रा जो 350 किलोमीटर का सफर करके थके आये थें उनकी सारी थकान पल भर में दूर हो गई और वह शहीद संजय सिंह के परिवार से मिल समाचार कवरेज कर अपने घर वापसी को निकल गए।