पराली वायु प्रदूषण का नियंत्रण नैनो कंपोजिट से संभव: प्रो. अवनीश श्रीवास्तव

 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे दिन प्रथम सत्र में चार मुख्य वह दो विस्तृत व्याख्यान हुए। प्रथम वार्ता के क्रम में उन्नत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान, एम्प्री, सीएसआईआर भोपाल के निदेशक प्रो.अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने सतत प्रौद्योगिकी और चक्रीय अर्थव्यवस्था के लिए सामग्री विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि दिल्ली व हरियाणा जैसे प्रदूषित शहरों में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पराली से होने वाले वायु प्रदूषण का नियंत्रण अब संभव है । कृषि अपशिष्ट पराली से नैनो कंपोजिट का उपयोग कर प्लाईवुड का निर्माण पारंपरिक विधि से बने हुए प्लाईवुड की अपेक्षा 40% सस्ता और 20% अधिक मजबूत हैं । पराली का यह पर्यावरण अनुकूल समाधान है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि  एल्युमिनियम उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट का प्रयोग एक्स-रे अवशोषित करने वाले टाइल्स के निर्माण में किया जा रहा है।  एम्प्री, सीएसआईआर भोपाल व जॉनसन कंपनी संयुक्त रूप से इसका निर्माण कर रही है, इस विधि से बने टाइल्स का प्रयोग चिकित्सा केंद्रों, अस्पतालों अनुसंधान प्रयोगशालाओं व निदान केंद्रों में किया जाता है यह टाइल्स लेड फ्री होती है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है ।

व्याख्यान की द्वितीय चरण में आईआईटी कानपुर के प्रो. अंजन कुमार गुप्ता ने माइक्रोन आकार के सुपरकंडक्टिंग क्वांटम हस्तक्षेप उपकरणों का उपयोग करके एकल नैनो-कण चुंबकत्व विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बताया कि नैनोकणों का सटीक स्थानीयकरण उन्हें कैंसर कोशिका को लक्षित करने के लिए उपयोगी बनाता है।

विस्तृत व्याख्यान के तृतीय क्रम में पूर्वांचल विश्विद्यालय जौनपुर के जैवप्रौद्योगिकी विभाग के प्रो. वंदना राय ने मानव स्वास्थ्यरोग जोखिम और दवा वितरण में फोलेट की भूमिका विषय पर अपना व्याख्यान प्रतिभागियों के मध्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि डीएनए संश्लेषणडीएनए मरम्मत और कई अन्य कार्यों के लिए फोलेट की आवश्यकता होती है,फोलेट की कमी से कैंसरन्यूरल टब डिफेक्ट मिर्गी जैसी विभिन्न बीमारियाँ हो सकती हैं। भविष्य में दवा वितरण प्रणाली के रूप में फोलेट संयुग्मित नैनो वहन किया जाता है। यूके द्वारा फोलिक एसिड की कमी को रोकने के लिए ब्रेड और अन्य खाद्य पदार्थों का फोर्टिफिकेशन किया जा सकता है।

समापन सत्र में सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति व पोस्टर प्रस्तुति को पुरस्कृत किया गया। मौखिक प्रस्तुति में फार वेस्टर्न विश्वविद्यालनेपाल के तीर्थ राजलखनऊ विश्वविद्यालय की रजनी चौधरी तथा पूर्वांचल विश्वविद्याल के आदेश प्रजापतिअनम फातिमा व रजनीश को सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के लिए चुना गया। वहीं पोस्टर प्रस्तुति में बनारस हिंदू विश्विद्यालय के ताड़केश्वर मधेशियाजीवाजी विश्वविद्यालय की श्रद्धा शर्मापूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रतिभासुशील व मंजीत को सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के लिए चुना गया। इस अवसर प्रो. देवराज सिंहप्रो. मिथिलेश सिंह,  प्रो. प्रदीप कुमारडॉ.गिरधर मिश्राडॉ. प्रमोद कुमारडॉ मिथिलेश यादव डॉ. पुनीत धवनडॉ.दिनेश वर्माडॉ. अजीत सिंहडॉ. श्याम कन्हैया सिंह डॉ.शशिकांत यादवडॉ.नीरज अवस्थीडॉ. सुजीत कुमार चौरसियाडॉ. काजल कुमार डेडॉ. धीरेंद्र चौधरी व बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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