सवा सौ करोड़ की सरकार बनी, दुनिया ने देखा पहली बार।
रंग बदलते गिरगिट देखे, भेस बदलते हैं अय्यार, बात बदलते गीदड़ देखे, जग में हमने पहली बार। मोदी को वोट ना देना, जो कह रहे थे बारम्बार ...
रंग बदलते गिरगिट देखे, भेस बदलते हैं अय्यार, बात बदलते गीदड़ देखे, जग में हमने पहली बार। मोदी को वोट ना देना, जो कह रहे थे बारम्बार ...
तू तो बच्चा साँप का, तू क्या काटे मोय, मैं हूँ नेता देश का, मैं डस लूंगा तोय। तेरा काटा माँगता, पानी मरते वक़्त, मेरा काटा माँगे नही...
जौनपुर। इण्टरनेशनल वैश्य फेडरेशन की जनपद इकाई के बैनर तले नगर पालिका के टाउन हाल के मैदान पर कवि सम्मेलन एवं होली मिलन समारोह का आयोजन ह...
महिला_दिवस मेरी प्यारी मम्मी... तू अब दवाखाने से घर आ गई होगी..? तेरी तबियत की मुझे चिँता होती है.. अब आपकी तबियत अच्छी होगी ..? ...
SEEMA SINGH मेरी कलम की दस्तक़,,,, तम तेरी कलिमा बिखरी है ...
डर नहीं लगता हमको यारों, दुश्मन के हथियारों से, बच कर रहना देशवासियों, घर में छिपे गद्दारों से। सरहद पर दुश्मन की, हम औकात बता सकते है...
ajay panday जौनपुर ज़िला महान है , इसकी अपनी अलग और अनूठी पहचान है, दिल्ली हो या मुम्बई हर जगह जौनपुर वालो की मांग है, तभी ...
अवगुणों को गुण बताकर, जीता नहीं है आदमी, अपने ही हाथों जहर, कभी पीता नहीं है आदमी । बातें बहुत हैं, तर्क भी हैं, कुतर्क भी देता आदमी, ...
डॉ अ कीर्तिवर्धन जाहिल थे इल्म से, मगर हया वाले थे, तालीमयाफ्ता होकर, बेहया हो गए । झुकती थी पलकें अदब से, बड़ों के सामने, तर...
राह-ए-ख़ुदा क्या वो भरा घर लुटा गए, ऐवान-ए-हक़ की नीवों में सीसा पिला गए। कैसे थे सरफ़रोश गुलामान-ए-शाह-ए-दीं, मैदान-ए-कर्बला में हज़ारों पे छ...
डॉ अ कीर्तिवर्धन बाँट दिया है मुल्क जिन्होंने, सौ टुकड़ों में भाई, हिन्दू-मुस्लिम-सिक्ख में बांटा, देश में लूट मचाई। आज़ादी से आज तल...
चिराग के मानिंद मैं ख़ुद जल जाऊँ जलाकर वजूद अपना इस जहाँ मे , रोशन दुनिया को मुकम्मल कर जाऊँ। मुझे गम नहीं की तुझे न पाऊं , मुझे खुशी...
दर्द की इन्तिहाँ को , कुछ नए आयाम दे दो , जिंदगी में हर लम्हे को , नए अरमान दे दो । देखें हैं खुद के दर्द में तड़फते लाखों , गैरों के...
मंजिल पाना तो मेरा मकसद ना था , रास्तों से पहचान जिंदगी का सबब था । मंजिलों का क्या , रोज बदलती रहती हैं , रास्तों का मकसद ,मंजिल तक प...
हम पत्थरों के शहर में भी , नया इतिहास रचाते हैं , किसी पत्थर को बुत , किसी को भगवान बनाते हैं । हमें भरोसा है खुद की वफ़ा ऐ मोहब्बत पर ,...
बाबू हरगोविंद जी एक बार फिर आओ ना , अभिशापित हो चुकी जौनपुर की जमीन को एक बार फिर से जागृत करो ना , विकास की रोशनी से काफी दूर न...
ना मालूम कौन सो रहा कब्र में , जन्नत नशीं होकर , लोग कब्र में भी रूह को , हलकान किया करते हैं । भटकता रहा जो फ़क़ीर उम्र भर , रोटी की तल...
डतरा पावस आयी बहार चल पड़ा मिलन. सा मधुर पवन सब सिहर उठे गिरि. वन उपवन चीर दग्ध तरल निःश्वास छोड़ थहरे पुलकित होकर कन-कन आ रही चली मंथ...
आज सीच दे ऐ निर्दय , तू उर के सूखे रन्ध्रो को , मधुर भावनाओ का भूखा , चिर उपेक्षा से जो सूखा , भर दे आज ह्रदय - पुट रुख...