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बुधवार, 3 जुलाई 2019

एसडीएम के पत्रक पर भड़के अधिवक्ता

जौनपुर। मछलीशहर के उपजिलाधिकारी मंगलेश दूबे द्वारा जारी किये गये पत्रक से अधिवक्ता आक्रोशित हो गये। आरपार की लड़ाई की घोषणा कर दिया। एसडीएम  के स्थानांतरण तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया गया। अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिलकर निर्णय से अवगत करायेगा। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह की अध्यक्षता में बुद्धवार को एक आकस्मिक बैठक बुलाई गई। हंगामी बैठक में एसडीएम द्वारा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष के नाम जारी पत्र का मुद्दा छाया रहा।जिसमें न्यायिक कार्य से विरत रहने के दौरान अधिवक्ताओं से सीधे प्रार्थना पत्र व दायरा न लिये जाने की सूचना दी गई थी। शिकायत कर्ता से ही सीधे प्रार्थना पत्र पर ही कार्यवाही की जायेगी। इस पर अधिवक्ता भड़क गये। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता एसडीएम के स्थानांतरण तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।इस अवधि में न कोई अधिवक्ता न तो एस डी एम के चैंबर में प्रार्थना पत्र लेकर जायेगा,न किसी मुकदमें का दायरा करेगा और न ही कोई जमानत ही करायेगा।शासन व जिलाधिकारी से मिलकर अधिवक्ता अपनी मांगों से अवगत कराएंगे।बताया जाता है कि अधिवक्ता अम्बिका प्रसाद विन्द ने आरोप लगाया था कि 27 जून को  उपजिलाधिकारी मंगलेश दूबे चैंम्बर में गया था।जहां मेरे साथ अभद्रता किया गया और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल एस डी एम से मिलकर वार्ता किया और हड़ताल समाप्त करने के लिये साधारण सभा की बैठक होने वाली थी।इसी बीच एस डी एम ने एक पत्र जारी कर अधिवक्ताओं को चुनौती दे दिया। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चन्द्र सिन्हा,जगदंबा प्रसाद मिश्र,केदार नाथ यादव,अशोक श्रीवास्तव,सुरेन्द्र मणि शुक्ला,आर.पी.सिंह,सरजू प्रसाद विन्द,इंदू प्रकाश सिंह,विनय पाण्डेय,भरत लाल यादव,हरि नायक तिवारी,बाबूराम,राज कुमार पटवा आदि ने बिचार व्यक्त किया।संचालन महामंत्री संजीव चौधरी ने किया।

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