महाविद्यालयों की परीक्षाएं निर्धारित समय से कराई जाएंगी : कुलपति

 जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ. निर्मला एस. मौर्य ने विश्वविद्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि 16 फरवरी 2021 को विश्वविद्यालय का 24 वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगी और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तथा रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, जाने माने कृषि वैज्ञानिक प्रो. पंजाब सिंह मुख्य अतिथि होंगे। कुलाधिपति इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी। इसमें स्नातक के 15 विद्यार्थियों जिसमें 7 छात्र एवं 8 छात्राएं हैं। इसी तरह परास्नातक में 58 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक मिलेगा जिसमें 20 छात्र और 38 छात्राएं शामिल हैं। विभिन्न संकायों के 67 शोधार्थियों को भी दीक्षांत समारोह में पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की जाएगी। यह देखने में आ रहा है कि बालिकाएं शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी तेजी से सफलता की सीढ़ियां चल रही है और नित नई ऊंचाइयों को छू रही हैं| 

 अपने 5 महीने के कार्यकाल का विश्लेषण करते हुए उन्होंने बताया कि कोविड- 19 के दौर में विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन तथा सुरक्षा के साथ ऑफलाइन पठन-पाठन संचालित करने की पूरी कोशिश की गई है। विद्यार्थियों को जागरूक करने के साथ-साथ मानसिक रूप से मजबूत किया है। इसी के साथ विश्वविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालयों की परीक्षाएं निर्धारित समय से कराई जाएंगी| उन्होंने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए भाषाओं का उत्कृष्टता केंद्र बनाया गया है। प्रदेश में स्थापित हो रहे छह भाषा केंद्रों के संचालन एवं निगरानी का भी दायित्व पूर्वांचल विश्वविद्यालय को सौंपा गया है। इसके साथ ही परिसर के जनसंचार विभाग में अनुवाद उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है। यह केंद्र लेखकों की कृतियों का अन्य भाषा में अनुवाद को बढ़ावा देगा।विश्वविद्यालय में शिक्षकों के शैक्षिक उन्नयन हेतु भी निरंतर प्रयास करते हुए पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित किए गए हैं तथा गुणवत्तायुक्त शोध एवं लेखन हेतु उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक सभी उत्तीर्ण विद्यार्थियों के अंकपत्रों को डिजिटलाइज किया गया है। विश्वविद्यालय में ऑनलाइन अवार्ड वेरिफिकेशन पोर्टल की शुरुआत की गई है, जिससे अब पीयू के किसी भी विद्यार्थी के अंकपत्र का वेरिफिकेशन आनलाइन किया जा सकता है। इससे देश-विदेश में नौकरी करने वालों एवं नियोक्ताओं के लिए सुविधा के साथ-साथ पारदर्शिता भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा लाकडाउन के दौरान पठन- पाठन की निरंतरता के लिए शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर के प्रकाशकों की पाठ्य सामग्री निःशुल्क आनलाइन उपलब्ध कराई गई। पुस्तकालय द्वारा निरंतर विश्वविद्यालय के शोध ग्रंथों को यूजीसी के पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की सभी अवार्डेड थीसिस आनलाइन उपलब्ध हैं। शोधगंगा पोर्टल पर विश्वविद्यालय का प्रदेश में दूसरा और देश में सातवां स्थान है। लाकडाउन के दौरान विश्वविद्यालय ने अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का भी निर्वहन किया है। विश्वविद्यालय के छात्रावास में एल-1 हास्पिटल की स्थापना की गई थी। विश्वविद्यालय परिसर के रसायन विज्ञान विभाग एवं फार्मेसी संस्थान के शिक्षकों द्वारा मानक के अनुरूप इथनाल तथा आइसोप्रोपिल युक्त सैनेटाइजर बनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना एवं रोवर्स-रेंजर्स के स्वयंसेवक सेविकाओं द्वारा गांव में कोविड-19 से जागरूकता के लिए निरंतर कार्य किया गया जो कि सराहनीय है। राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े विद्यार्थियों ने गांवों में मास्क, सेनैटाइजर खाद्य सामग्री आदि का समय-समय पर वितरण भी किया। गोद लिए गए गांवों में निरंतर जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। रोवर्स-रेंजरिंग के क्षेत्र में प्रदेश में प्रथम स्थान पर विश्वविद्यालय लगातार तीन वर्षों से बना हुआ है। विश्वविद्यालय के कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के उज्जवल भविष्य तथा रोजगार को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 को केंद्रित कर पाठ्यक्रम संचालित करने की ओर अपना कदम बढ़ा रहा है|

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