सच्ची समाज सेवा कर रहे है राजेश कुमार , आप भी जानिए किसकी करते है मदद
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वाचंल विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर को गरीबों मजलूमो की सेवा करने की गजब की सनक है। यह शख्स शहर की गलियों में घूम रहे मंदी बुध्दी की लोगो और भूखे प्यासो की हमेशा मदद करता रहता है साथ ही उनके नासूर बने जख्मों को खुद इलाज करता है उसके बाद जिला अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज करवाता है। अब तक दर्जनों ऐसे मंदबुध्दी के लोगो इलाज कर चुका है जिसका हाथ पैर बुरी तरह से सड़ चुका था।
इसी तरह बीते सात फरवरी को नगर क्षेत्र के शीतला चौकियां धाम में बडागर चौराहे के पास एक दिव्यांग बुजुर्ग काफी दिनों से सड़क किनारे पड़ा था। वह कई दिनों से नहाया धोया भी नहीं था उसके शरीर व कपड़ों से दुर्गंध आ रही थी जिससे आने जाने वाले लोग भी दूरी बना लिये थे और न ही उसके पास कोई जाता था। जैसे ही इस बात की जानकारी पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर समाजसेवी राजेश कुमार को मिली। उनसे रहा नहीं गया वह तुरंत उस वृद्ध की सहायता के लिये तैयार हो गये। उन्होंने बताया कि सबसे पहले वृद्ध का दाढ़ी बनाकर अच्छी तरह से नहला धुलाकर साफ नये वस्त्र पहनाया। भोजन पानी कराने के पश्चात वृद्धाश्रम में छोड़ने की बात उस वृद्ध से बोले। राजेश ने बताया कि वृद्ध असहाय विकलांग बुजुर्ग का कहना है बच्चों द्वारा घर से बाहर निकाला गया है। वह पता भी नहीं बता पा रहे थे। इस बात की जानकारी देते हुए वृद्ध की आंखों में आंसू आ गये।
ऐसा ही एक अर्धविक्षिप्त व्यक्ति चार जुलाई शाम नगर के ओलन्दगंज में घुमता राजेश कुमार को मिल गया जिसका दाहिना हाथ बुरी तरह से जख्मी था वह पाॅलिथिन से उसे बांधे हुए था। राजेश ने उसकी हालत देखते हुए तत्काल एबुेंस बुलाकर उसे जिला अस्पताल ले गये खुद डाक्टरो के साथ उसका इलाज किया।
राजेश ने बताया कि इस अर्धविक्षिप्त के दाहिने हाथ की हथेली पूरी तरह सड़ गयी है जिसे उसने पॉलीथिन से बांध रखा था उसमें से पस(मवाद) बाहर गिर रहा था और उसमें से काफी बदबू भी आ रही थी। उन्होंने 102 नंबर पर फोन करके एम्बुलेंस बुलाई है।उन्होंने उस अर्धविक्षिप्त के विषय मे जानकारी लेनी चाही किन्तु उन्हें कोई जानकारी नही मिल पाई।आधे घण्टे बाद एम्बुलेंस वहाँ पहुंची तो वह अर्धविक्षिप्त वहां से भागने लगा जिसे राजेश ने पकड़कर ना सिर्फ एम्बुलेंस में बिठाया बल्कि साथ मे स्वयं बैठकर भी गए।जिला अस्पताल पहुंचकर उन्होंने उसकी ड्रेसिंग करवाई।उन्होंने बताया कि जब जिला अस्पताल में उस अर्धविक्षिप्त के हथेली से पॉलिथीन हटाया गया तो उसकी हालत बहुत खराब थी,उसकी आधी हथेली सड़ गलकर गिर चुकी थी व पूरी हथेली में कीड़े पड़ गए थे।उन्होंने हाड्रोजन व स्प्रिट लाकर उसके हाथ की सफाई करवाकर उसकी ड्रेसिंग करवाया फिर उसे खाना खिलाकर वहीं एडमिट भी करवाया।उनका कहना है कि जब उसके घाव भर जायेगें तो वे उस अर्धविक्षिप्त के रहने की व्यवस्था भी करेंगे।
ये तो एक वाक्या है,ऐसे ही ना जाने कितने अर्धविक्षिप्त को सड़क से उठाकर उनका इलाज करवाना,फिर उनके रहने की व्यवस्था करने का पुनीत काम राजेश कर रहे हैं।
इसी तरह से अब तक दर्जनों लोगो की सेवा कर चुके है राजेश कुमार। उनकी सच्ची समजसेवा को मेरा सलाम।
नमन है ऐसे समाजसेवी राजेश जी को
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