भदेठी काण्ड में जावेद सिद्दीकी को मुल्ज़िम बनाना कही पुलिस की बड़ी चूक तो नही
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जौनपुर। सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गांव में दो वर्गो के बच्चों के बीच हुए विवाद को लेकर मंगलवार की रात अनुसूचित जाति बस्ती पर हमलाकर पिटाई, तोड़फोड़ व आगजनी के मामले में 58 नामजद व 100 अज्ञात आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इसके साथ ही 35 आरोपितों को गिरफ्तार कर चालान कर दिया है। पुलिस की इस कार्यवाई में सपा नेता जावेद सिद्दीकी भी जद्द में आ गए है , जावेद सिद्दीकी की गिरफ्तारी से पुरे इलाके के हिन्दू - मुस्लिम दोनों वर्ग के लोग आश्चर्य चकित है। सभी ने एक स्वर में कहा कि जावेद अपने व्यवहार कुशलता के कारण सभी धर्म के लोगो का लाडला है वह लड़ाई झगड़ा करना तो दूर की बात आज तक उसने किसी से ऊँचे आवाज में बात तक नहीं किया है। ऐसे में पुलिस द्वारा उसे दंगा फसाद के मामले जेल भेजकर बड़ी चूक कर दिया है।
जावेद वह शख्स है जिसने हिन्दू - मुस्लिम का भेद भाव किये बिना सभी के दुःख सुख में हमेशा खड़ा रहता है। उसने अपने गांव की विकराल समस्या को देखते हुए गांव से आजमगढ़ जनपद को जोड़ने वाले रास्ते पर अपने निजी खर्चे पर लाखो रूपये की लागत से दो पुल का निर्माण कराया है। यह खबर नेशनल चैनलो में प्रमुखता से दिखाया गया था। इसके अलावा जावेद हमेशा समाजिक कार्यो में हमेशा आगे रहते है। कुछ लोगो का यह भी कहना है कि जावेद गवई राजनीति का शिकार हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने तमाम ऐसे लोगों को भी गिरफ़्तार कर लिया है जिसका इस बवाल से दूर दूर तक कोई लेना देना नही था।समाजवादी पार्टी के नेता जावेद सिद्दीकी की गिरफ़्तारी पर भी सवाल उठाए जा रहे है।जावेद को ज़रा भी जानने वाले अच्छे से जानते हैं कि यह शरीफ़ और नेक इंसान हैं। किसी भी तरह के लड़ाई झगड़े या विवाद से कोसों दूर रहते हैं।दंगा फ़साद तो दूर की बाद यह शख़्स किसी से तेज़ आवाज़ में बात भी नहीं करता। प्रशासन उपद्रवियों से सख़्ती से निपटे , गम्भीर से गम्भीर धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर सबको जेल भेजा जाए।ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो।जौनपुर की गंगा जमुनी तहजीब को दागदार करने की हिम्मत कोई भी न कर सके।लेकिन किसी निर्दोष व्यक्ति को ऐसे संगीन मामले में मुल्ज़िम न बनाया जाए।
जावेद वह शख्स है जिसने हिन्दू - मुस्लिम का भेद भाव किये बिना सभी के दुःख सुख में हमेशा खड़ा रहता है। उसने अपने गांव की विकराल समस्या को देखते हुए गांव से आजमगढ़ जनपद को जोड़ने वाले रास्ते पर अपने निजी खर्चे पर लाखो रूपये की लागत से दो पुल का निर्माण कराया है। यह खबर नेशनल चैनलो में प्रमुखता से दिखाया गया था। इसके अलावा जावेद हमेशा समाजिक कार्यो में हमेशा आगे रहते है। कुछ लोगो का यह भी कहना है कि जावेद गवई राजनीति का शिकार हो गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने तमाम ऐसे लोगों को भी गिरफ़्तार कर लिया है जिसका इस बवाल से दूर दूर तक कोई लेना देना नही था।समाजवादी पार्टी के नेता जावेद सिद्दीकी की गिरफ़्तारी पर भी सवाल उठाए जा रहे है।जावेद को ज़रा भी जानने वाले अच्छे से जानते हैं कि यह शरीफ़ और नेक इंसान हैं। किसी भी तरह के लड़ाई झगड़े या विवाद से कोसों दूर रहते हैं।दंगा फ़साद तो दूर की बाद यह शख़्स किसी से तेज़ आवाज़ में बात भी नहीं करता। प्रशासन उपद्रवियों से सख़्ती से निपटे , गम्भीर से गम्भीर धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर सबको जेल भेजा जाए।ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना न हो।जौनपुर की गंगा जमुनी तहजीब को दागदार करने की हिम्मत कोई भी न कर सके।लेकिन किसी निर्दोष व्यक्ति को ऐसे संगीन मामले में मुल्ज़िम न बनाया जाए।