खुदा अपने बंन्दो के लिए दरवाजे हमेशा खुला रखता है: मौलाना बेलाल काज़मी

 जौनपुर। रविवार नगर में रजा डीएम शिया इंटर कॉलेज के शिक्षक सैयद जमाल हैदर की मां मरहूमा सैयद अब्बास बांदी के चालीसवें की मजलिस सिपाह के इमामबारगाह वाजिबा बीबी में सम्पन हुई। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सैयद बेलाल काजमी लखनऊ ने कहा कि कर्बला ने हमें इंसानियत पर चलने का रास्ता दिखाया है। हज़रत इमाम हुसैन ने जो कुर्बानी पेश किया उससे हमे सीखने की ज़रूरत है।

 इस्लाम को बचाने के लिये उन्होंने अपने पूरे परिवार को कुर्बान कर दिया पर इस्लाम को आंच तक आने नही दिया। मौलाना बेलाल काज़मी ने कहा कि हमे अपने वालदैन की हमेशा खिदमत करना चाहिए जो लोग दुनिया मे अपने माँ -बाप की खिदमत करते है अल्लाह उनके लिए जन्नत का दरवाजा हमेशा खोले रहता है।मौलाना ने कहा कि आप अपनी इबादत के दौरान अपने खुदा से हाथ फैला कर दुआए ज़रूर मांगा करे ,वो अपने नेक बंदों की ख़्वाहिश हमेशा पूरा करता है। खुदा अपने बंन्दो के लिए दरवाजे हमेशा खुला रखता है।
इससे पूर्व सोजखानी सैयद गौहर अली जैदी व उनके हमनवां ने पढ़ा, जबकि पेशखानी मेंहदी मिर्जापुरी, वहदत जौनपुरी, अजादार आजमी ने किया। नौहेखानी अंजुमन मज़लूमिया के अनम हसन ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़ कर माहौल गमगीन कर दिया।इस मौके पर डॉ बाक़र,डॉ जमाल,सैय्यद नजमुल हसन,सादिक़ रिज़वी,समीर रिज़वी नजमी नौहखा, शम्शी,आरिफ हुसैनी,कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज़,रूमी आब्दी,हसनैन क़मर "दीपू" अंत मे जमाल हैदर ने सभी का आभार प्रकट किया। वही नगर के बाजार भुआ स्थित शेख मोहम्मद इस्लाम मरहूम में पंजतनी कमेटी के सरपरस्त मौलाना शेख हसन जाफर की मां मरहूमा कनीज फात्मा के चालीसवें की मजजिस को खेताब करते हुए मौलाना सैयद हैदर मेंहदी रिजवी बस्ती ने कहा कि आज पूरी दुनिया मे इस्लाम को कुछ लोग बदनाम कर रहे है इस्लाम ने हमेशा इंसानियत को बढ़ावा देने का संदेश दिया है जिसकी मिसाल हमे कर्बला से मिलती है।
यहाँ लाखो की यज़ीदी फौज के सामने भी हज़रत इमाम हुसैन ने अपना सर झुकाया तो सिर्फ अपने खुदा के सामने 72 साथियों के साथ खुद की कुर्बानी पेश कर दिया पर जुल्म के आगे सर नही झुकाया।आज पूरी कायनात में हज़रत इमाम हुसैन के मानने वाले मौजूद है पर यज़ीद का नाम लेने वाला कोई नही है।मौलाना ने कहा कि हमे हमेशा दूसरों की मदद करना चाहिए खास कर मजबूर व लाचार लोगो की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है।इससे पूर्व सोजखानी सैयद शबाब हैदर व उनके हमनवा ने पढ़ा।। पेशखानी तनवीर व एहतेशाम जौनपुरी ने किया। नौहा व मातम अंजुमन हैदरिया कोरापट्टी ने किया।मौलाना शेख हसन जाफर ने सभी का आभार प्रकट किया।

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