अग्निपथ योजना द्वारा हमारे देश को सशक्त सेना मिलना सम्भव नहीं
सेना में विगत 3 वर्ष से भर्ती नहीं हुई है और अब इस प्रकार की भर्ती (अग्निपथ योजना) से उन युवाओं को मानसिक आघात पहुंचा है जो कई वर्षों से जी-जान से खून-पसीना बहाकर सेना में भर्ती के लिये तैयारी कर रहे हैं। अग्निपथ योजना से सेवानिवृत्त होने के पश्चात जवानों को न पेंशन मिलेगी और न ही स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। विडम्बना यह भी है कि ऐसे जवानों को सेना की कैण्टीन से खरीददारी का लाभ भी नहीं मिलेगा। सेवानिवृत्त होेने के पश्चात भी वे स्वयं को भूतपूर्व सैनिक भी नहीं लिख सकेंगे। उन्हें केवल अग्निवीर कहा जायेगा। 4 वर्ष का सेवाकाल 6 महीने ट्रेनिंग में निकल जायेगा। शेष 3 वर्ष 6 माह की अवधि कुण्ठाग्रस्त सेवाभाव में ही व्यतीत होगी जो देश तथा देशवासियों के भविष्य के लिए उचित प्रतीत नहीं होती है। श्री सिंह ने कहा कि सेना के गौरवशाली इतिहास को देखते हुये देश की सीमाओं से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाय और संविदा जैसी प्रक्रिया का प्रयोग सेना में न किया जाय। साथ ही युवाओं को पूर्णकालिक देश सेवा में भर्ती किया जाय। इस अवसर पर राम आसरे विश्वकर्मा, अशोक यादव, राजेन्द्र प्रसाद यादव, सुनील सिंह, सत्य नारायण आर्य, महेन्द्र विश्वकर्मा, उपेन्द्र श्रीवास्तव, तारिक अली खान, प्रदीप तिवारी, नागेन्द्र यादव, डा. एसए रिजवी, शमशेर, अमरेन्द्र श्रीवास्तव, तारिक सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।