सीमित संसाधन से निकला तरुणमित्र आज पांच राज्यों में बिखेर रहा खुशबू: आरएन त्रिपाठी

 

जौनपुर। आज जनपद का लोक प्रिय हिन्दी दैनिक समाचार पत्र तरुणमित्र अपना 45वां स्थापना दिवस मना रहा है। अखबार ने अपने साढ़े चार दशक की यात्रा आठ अक्टूबर को पूरी की, इसका सारा श्रेय संस्थापक कैलाश नाथ एवं तरुणमित्र परिवार को जाता है। कैलाश नाथ का हृदय कैलाश पर्वत की तरह विराट था। क्रोध लगने पर भी वह सहज व सरल बातें करते थे। समाचार प्रकाशन के लिए जिन लोगों ने भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया मैं दिल की गहराईयों से उनका नमन करता हूं। सीमित संसाधन से निकला तरुणमित्र आज पांच राज्यों में अपना खुशबू बिखेर रहा है। उक्त उद्गार है लोकसेवा आयोग उत्तर-प्रदेश के सदस्य एवं बीएचयू समाज शास्त्र विभाग के प्रोफेसर आरएन त्रिपाठी के, जिन्होंने शनिवार को हिन्दी दैनिक समाचार पत्र तरुणमित्र के 45वें स्थापना दिवस पर कलेक्ट्रेट स्थित पत्रकार भवन में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही।

 उन्होंने कोरोना काल की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय की स्थिति बड़ी विकट थी। बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को निकाल दिया किन्तु संपादक आदर्श कुमार ने अपने एक भी स्टाफ को इधर से उधर नहीं किया। यथो नाम ततो गुण: आदर्श कुमार का जैसा नाम है वैसा उनके अन्दर गुण भी समाहित है। योगेन्द्र एवं आदर्श कुमार कैलाश नाथ के बेटे तो है ही तरुणमित्र की दो भुजाए है। एक राजधानी लखनऊ तो दूसरा जौनपुर संस्करण को संभाले हुए है। प्रतिकूल धारा में भी तरुणमित्र ने किसी का साथ नहीं छोड़ा है। 

विशिष्ट अतिथि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग के अध्यक्ष डा0 मनोज मिश्र ने कहा कि तरुणमित्र समाचार पत्र ने कभी खबरों के साथ समझौता नहीं किया। मै सन 1990 में इलाहाबाद जिला संवाददाता के रूप में इस अखबार से जुड़ा। आज यह पांच राज्यों से प्रकासित हो रहा है मेरी ईश्वर से कामना है कि यह आने वाले दिनों में भारत के प्रत्येक राज्यों से प्रकासित हो। अखबार वहीं जिन्दा रहेगा जो सच को सच कहेगा। उन्होंने अपने चाचा एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक सरोज मिश्र की चर्चा करते हुए कहा कि वह पिछले कई वर्षों से अमेरिका में रह रहे हैं लेकिन आज भी वह तरुणमित्र का ई-पेपर जरूर पड़ते हैं। जब भी वह भारत आते हैं तरुणमित्र के कार्यक्रम में जरूर आते हैं। इस अखबार की सुगंध पूरी दुनिया में फैले मेरी यही शुभकामना है। 

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष डा0 प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि लोगों के तत्कालीन परिस्थितियों में भी तरुणमित्र ने साथ दिया है। इस समाचार पत्र में प्रत्येक खबरों को प्रमुखता के साथ स्थान मिलता है। बीते 24 वर्ष पहले मैने इसी अखबार में अपना यूपी बोर्ड परीक्षाफल का रिजल्ट देखा था। पाठक अखबार की क्वालिटी तय करता है। विज्ञापन दाता कलेवर देखता है परन्तु संपादक संपादक सब कुछ देखता है। मैं ग्राम पंचायत अधिकारी एवं कर्मचारियों का अध्यक्ष होने के नाते विश्वास दिलाता हूं कि मुझसे जितना भी होगा अखबार का सहयोग करता रहूंगा। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गोविन्द बल्लभ पंत डिग्री कालेज प्रतापगंज के पूर्व प्राचार्य डा0 देवेश चन्द्र उपाध्याय ने कहा कि मै तरुणमित्र समाचार पत्र के स्थापना से ही जुड़ा हूं। अखबार के संस्थापक रहे कैलाश नाथ की सहजता, निर्भिकता एवं सरलता का परिणाम है कि आर्थिक रूप से कमजोर होते हुए भी उन्होंने दैनिक अखबार निकाला, जो निरंतर अपनी उंचाईयों को छू रहा है। ऐसे में उनकी तारीफ के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। सप्ताह में एक बार मेरा लेख इस अखबार में जरूर प्रकासित होता था। असाधारण परिवार से उठकर उन्होंने इतना बड़ा कार्य किया जो सराहनीय है। इसके अलावा स्थापना दिवस पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन समारोह को तरुणमित्र परिवार के वरिष्ठ सदस्य व गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डा0 राम सिंगार शुक्ल गदेला, श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष विजय प्रकाश मिश्र, पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष शशि मोहन सिंह क्षेम, वरिष्ठ अधिवक्ता डा0 दिलीप सिंह, कमर हसनैन दीपू, संजय श्रीवास्तव, बाल एवं किशोर न्यायालय बोर्ड के पूर्व न्यायाधीश संजय उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डा0 कुंवर यशवंत सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा विद्या की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित व माल्र्यापण कर किया गया। तत्पश्चात अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्रम् भेंट कर स्वागत किया गया। अंत में तरुणमित्र के संपादक आदर्श कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में जितने लोग भी आए वह तरुणमित्र के परम सहयोगी है। उन्हीं की बदौलत आज हम 45वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। आप सभी ने आकर मेरा उत्साह बढ़ाया। जिसका मै दिल से स्वागत करता हूं। 

समाचार पत्र निकालने में चन्देश मिश्र, डा0 देवेश उपाध्याय, रत्नेश तिवारी, दम्मूजी, पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद आदि का काफी सहयोग रहा। मैं दिल की गहराईयों से उनका भी आभार प्रकट करता हूं। अंत में उन्होंने सभी आए हुए सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर उज्ज्वल कुमार, विनोद कुमार यादव, कृष्ण कुमार मिश्र, बृजेश कुमार विश्वकर्मा, बेलाल जानी, नीतेश दूबे, हरिलाल यादव, ओम प्रकाश विश्वकर्मा, धनी कसौधन, खुशबू, पूनम विश्वकर्मा, राजीव साहू, राघव विश्वकर्मा, तेज बहादुर प्रजापति, उस्मान अली, संजय दूबे, मनोज सिंह, अभिषेक सिंह, भानु प्रताप सिंह, राम नरेश प्रजापति, गंगेश बहादुर सिंह, राजेश मिश्र, अवनीष वर्मा, श्री प्रकाश वर्मा, दीपक चिटकारिया, ज्ञान प्रकाश सिंह, कपिल देव मौर्य, डा0 योगेन्द्र प्रताप सिंह, संपादक रामजी जायसवाल, अरूण यादव, दिलीप शुक्ला, राजेश श्रीवास्तव, संजय विश्वकर्मा, विश्व प्रकाश श्रीवास्तव, देवी गीत गायक राहुल पाठक, डा0 अवधेश मौर्य, डा0 यशवंत गुप्ता, विरेन्द्र पाण्डेय आदि मौजूद रहे। संचालन वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द उपाध्याय ने किया।


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