आइए शिक्षक अभिभावक बैठक से जुड़े कुछ पहलुओं पर नजर डालते हैं
https://www.shirazehind.com/2025/06/blog-post_762.html
आवश्यकताः आज के समय में बच्चे कई तरह के मानसिक, सामाजिक और शैक्षणिक दबावों से गुजरते हैं। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि शिक्षक और अभिभावक मिलकर बच्चे की स्थिति को समझें और उसकी भलाई के लिए मिलकर कदम उठाएं। यह बैठक बच्चों के प्रदर्शन की निगरानी और सुधार में मदद करती है। अभिभावकों को यह पता चलता है कि बच्चा विद्यालय में कैसा प्रदर्शन कर रहा है और शिक्षक को घर के माहौल की जानकारी मिलती है।
उद्देश्यः इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बच्चे की प्रगति की समग्र समीक्षा करना होता है। इसमें न केवल शैक्षणिक प्रदर्शन, बल्कि बच्चे के व्यवहार, सहभागिता, सामाजिक कौशल और विशेष रुचियों पर भी चर्चा की जाती है। साथ ही यह एक ऐसा मंच होता है जहाँ शिक्षक और अभिभावक मिलकर आगे की योजना बनाते हैं और सुधारात्मक कदमों पर सहमति बनाते हैं।
चुनौतियां: हालाँकि यह बैठक उपयोगी होती है, फिर भी इसमें कई चुनौतियां आती हैं। कुछ अभिभावक समय की कमी या उदासीनता के कारण नहीं आ पाते जिससे संवाद अधूरा रह जाता है। कई बार शिक्षक और अभिभावकों के बीच भाषा, समझ या अपेक्षाओं का अंतर भी तनाव उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा कभी-कभी बैठक में आलोचना या दोषारोपण का माहौल बन जाता है जिससे समाधान की बजाय दूरी बढ़ जाती है।
प्रभावकारी आयोजन के उपायः विद्यालय स्टाफ को एक प्रभावकारी शिक्षक-अभिभावक बैठक के लिए पहले से योजना बनाना ज़रूरी है। शिक्षक को बच्चे की प्रगति की पूरी जानकारी एकत्र कर लेनी चाहिए और सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए। बातचीत संतुलित और समाधान केन्द्रित होनी चाहिए। अभिभावकों को भी सक्रिय रूप से सुनना और सुझाव देना चाहिए। शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चे की ताकतों की पहचान करें और अभिभावकों को यह बताएं कि उनका बच्चा किन क्षेत्रों में अच्छा कर रहा है, कैसे बच्चों से दोस्ती है, अन्य छात्रों के साथ व्यवहार सहित अन्य मुद्दों पर भी बात की जा सकती है, फिर यदि कोई चुनौती है तो मिलकर उसके समाधान पर बात करें। बैठक का माहौल ऐसा होना चाहिए जिसमें कोई पक्ष असहज महसूस न करे। अंत में आगे की योजना स्पष्ट रूप से तय की जाय। यदि ज़रूरी हो तो फॉलो-अप मीटिंग्स का सुझाव दिया जाय।
निष्कर्षः शिक्षक-अभिभावक बैठक एक सेतु का काम करती है जो घर और विद्यालय के बीच संवाद और सहयोग को मजबूत बनाती है। यदि इसे सही दृष्टिकोण और तैयारी के साथ आयोजित किया जाय तो यह बच्चों के सम्पूर्ण विकास में अत्यन्त सहायक सिद्ध हो सकती है।
लेखिका- प्रीति श्रीवास्तव
राज्य पुरस्कार प्राप्त अध्यापक
कम्पोजिट विद्यालय रन्नो
बक्शा, जौनपुर।
9651379406
राज्य पुरस्कार प्राप्त अध्यापक
कम्पोजिट विद्यालय रन्नो
बक्शा, जौनपुर।
9651379406
जिस विद्यालय से समुदाय की जितनी बेहतर कनेक्टविटी होगी वो उतनी ही कम समस्याओं मे रहता है।
जवाब देंहटाएंराष्ट निर्माता छात्र -छाञाओं का संस्कार एवं शिक्षा का सही मार्गदर्शन के लिए एक अत्यंत ही सुंदर और सदुपयोगी सुक्षाव के लिए बहुत बहुत सराहना करता हूं 🌹लेख प्रकाशित करने के लिए भी धन्यवाद -शुभकामनाऐं। योग्य एवं आदर्श शिक्षक की कमी नहीं है। जय हिन्द- जय शिक्षक- जय समाज,🙏
जवाब देंहटाएं