नसीमुद्दीन सिद्दीकी अब कांग्रेस का पकड़ने जा रहे हैं हाथ

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी से पार्टी का चंदा हड़पने के आरोप में हटाए गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी अब कांग्रेस का हाथ पकड़ने जा रहे हैं। जी हां, कभी मायावती के खास सिपहसलार रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस ज्वाइन करने जा रहे हैं। गुजरात चुनाव के नतीजे आने के बाद नसीमुद्दीन की राहुल गांधी से दिसंबर के आखिरी हफ्ते में मुलाकात हुई थी। इस बैठक के बाद नसीमुद्दीन के कांग्रेसी होने का रास्ता साफ हो गया था। जनवरी मध्य में राहुल गांधी से नसीमुद्दीन की दूसरी मुलाकात ने बात को और पुख्ता कर दिया, जिसके बाद प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने जमीनी स्तर की तैयारी भी पूरी कर ली।
यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और प्रभारी गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी में नसीमुद्दीन सिद्दीकी दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें, तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी की ज्वाइनिंग को पार्टी चीफ राहुल गांधी से हरी झंडी मिल गई है और गुरुवार को नसीमुद्दीन अधिकारिक तौर पर कांग्रेसी हो जाएंगे।
 कभी मायावती के बाद बसपा में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी अब कांग्रेसी होने जा रहे हैं। बसपा के नीले रंग और हाथी की सवारी नसीमुद्दीन पहले ही छोड़ चुके थे। एक समय उनकी बसपा में नंबर दो की हैसियत थी, पर बाद में बसपा सुप्रीमो मायावती से उनके रिश्ते तल्ख हो गए। दोनों ने एक-दूसरे पर बेहद संगीन आरोप लगाए थे। यहां तक कि नसीमुद्दीन ने यहां तक कह दिया था कि उनकी हत्या कराई जा सकती है।

पार्टी सूत्रों की मानें, तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी 22 फरवरी को कांग्रेस में शामिल होंगे। उनके साथ करीब डेढ़ दर्जन पूर्व सांसद और विधायक भी कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर की मौजूदगी में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके समर्थक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करेंगे।

मायावती के खास सिपहसलार रहे नसीमुद्दीन को विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते मायावती ने निकाला, तो उन्होंने राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा नाम से एक मोर्चा बनाया था और बसपा से निकाले गए लोगों को एकजुट कर रहे थे। गुरुवार को उनके साथ उनके बेटे अफजल सिद्दीकी और बसपा के कई पूर्व सांसद व विधायक भी कांग्रेस में शामिल होंगे।

कांग्रेस का हाथ पकड़ने से पहले साइकिल पर बैठने वाले थे नसीमुद्दीन
बसपा से निष्कासन और राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा बनाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने साइकिल की सवारी करने की भी कोशिश की थी। नसीमुद्दीन ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से कई मुलाकातें की, इसे कई बार खुद नसीमुद्दीन ने भी स्वीकार किया लेकिन सपा में आजम खां के विरोध के चलते अखिलेश यादव ने नसीमुद्दीन को पार्टी में लेने से किनारा कर लिया था।
 
नसीमुद्दीन के आने से कांग्रेस को होगा यह फायदा
बांदा से ताल्लुक रखने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में आने से दोनों को फायदा होगा। नसीमुद्दीन को जहां कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी का बैनर मिलेगा, वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस का भी प्रदेश में मुस्लिम नेटवर्क मजबूत होगा। इसके साथ ही कांग्रेस को बुंदेलखंड में भी मजबूती मिलेगी। कांग्रेस को बुंदेलखंड में पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसा बड़ा झंडाबरदार मिल जाएगा। नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बुंदेलखंड के तमाम जिलों में जमीनी नेटवर्क है जो कांग्रेस को मजबूती देगा।

फिलहाल नसीमुद्दीन के कांग्रेसी होने से एक ओर जहां कांग्रेस को सूबे की राजनीति से ताल्लुक रखने वाला बड़ा नेता मिलेगा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में इस ज्वाइनिंग को आगामी लोकसभा चुनाव जीतने की शतरंजी बिसात का बड़ा दांव माना जा रहा है।

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