ग्रामीणों ने सुनाया फैसला , कुद्दुपुर में नहीं बनना चाहिए जेल
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जौनपुर। नये जेल निर्माण की तेज हुई प्रक्रिया का विरोध शुरू हो गया है। तीन गांवों की 60 एकड़ भूमि में प्रस्तावित जेल को न बनाए जाने की मांग को लेकर कुद्दुपुर गांव के ग्रामीण बुधवार के कलेक्ट्रेट में पहुंचे। जिलाधिकारी से मिलकर जेल निर्माण हेतु चल रही प्रक्रिया का विरोध किया। साथ ही प्रदर्शन की चेतावनी दिया।
जिला कारागार के लिए 60 एकड़ भूमि लंबे अर्से से खोजी जा रही थी, जो करीब डेढ़ वर्ष पहले शहर से पांच किमी दूर वन विहार रोड पर स्थित कुद्दूपुर-रंजीतपुर और इदरियां में मिली। अधिकारियों के मुताबिक यहां ग्राम सभा की 9.339 हेक्टेयर भूमि है। इसके अलावा शेष भूमि 253 से अधिक किसानों की है। जिसे जेल निर्माण के लिए चिह्नित किया गया है। उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इस जमीन को जेल के नाम बैनामा कराने की प्रक्रिया अब तेज हो गई है। इसके लिए संबंधित काश्तकारों को मुआवजा दिया जाना है। इसके लिए 60.60 करोड़ रुपये भी जेल प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया गया है। शासन इन काश्तकारों की भूमि अधिग्रहण कर जेल के नाम बैनामा कराएगा। इसके लिए काश्तकारों की सहमति ली जा रही है, जिसके लिए कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें जेल अधीक्षक, एसडीएम, सब रजिस्ट्रार, तहसीलदार आदि की मौजूदगी में छह सितंबर की दोपहर 12 बजे से बैठक होनी तय है। इसके बाद जेल की भूमि का किसानों से बैनामा कराया जाना है। इधर करीब 25 की संख्या में ग्रामीण दोपहर डीएम से मिले। इनका कहना था कि कुद्दुपुर में आबादी है और जौनपुर-मीरजापुर मुख्य मार्ग पर 150 पक्के मकान बनाकर सैकड़ों वर्ष से विभिन्न जातियों लोग आबाद हैं। यदि उनकी भूमि अधिग्रहित की गई तो दूसरा घर बनाना उनके बस का नहीं है। इतना ही नहीं इस आबादी में मंदिर, धर्माशाला, गोशाला, पुराने कुएं आदि हैं। मांग किया कि जेल हेतु प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को स्थगित किया जाए अन्यथा कि स्थिति में इसका पूरजोर विरोध किया जाएगा। एडीएम आरपी मिश्रा ने कहा कि कुछ ग्रामीण आए थे। जिलाधिकारी से मिलकर अपनी बात रखें हैं। छह सितंबर की बैठक के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।