धनंजय के अपराधिक इतिहास में दिए विवरण को सत्यापित करने का आदेश
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जौनपुर। लाइन बाजार थाना क्षेत्र के अपहरण व रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जमानत याचिका में आरोपी के अपराधिक इतिहास से संबंधित दिए गए विवरण की को सत्यापित किया जाए कि वह सही है या नहीं। जमानत याचिका में हाल ही में वादी अभिनव सिंघल द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 सीआरपीसी के तहत दिए गए कलम बंद बयान की नकल दाखिल की गई जिसमें वादी प्राथमिकी में कही गई बातों से मुकर गया और कहा कि धनंजय सिंह ने न तो उसका अपहरण कराया और न ही रंगदारी मांगी।वह अच्छा कार्य करने का आश्वासन दिए थे।जहां से उसे ले जाया गया था वहीं वापस लाकर छोड़ा भी गया।बहस के दौरान पूर्व सांसद के 38 मुकदमों के अपराधिक इतिहास का हवाला लिया गया जिसमें उनके अधिवक्ता ने तर्क दिया कि 24 मुकदमों में वह छूट चुके हैं।एक मुकदमे में डिस्चार्ज हुए हैं।चार मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है।तीन मुकदमे वापस लिए जा चुके हैं।अपहरण के इस मुकदमे के अलावा पांच अन्य मुकदमे चल रहे हैं।उन पांचों में जमानत मिल चुकी है। जमानत याचिका में इसका उल्लेख किया गया लेकिन जमानत व छूटे गए मुकदमों के आदेश की कॉपी संलग्न नहीं की गई।सरकारी वकील द्वारा जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि धनंजय सिंह पूर्व सांसद हैं।उनके मुकदमे के संबंध में सत्यापन आवश्यक है जिस पर हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई 15 जुलाई 2020 को आपराधिक इतिहास के संबंध में दिए गए विवरण को सत्यापित किया जाए कि वह सही है या नहीं।
नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने पूर्व सांसद धनंजय व विक्रम के खिलाफ लाइन बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया था कि आरोपियों ने जबरन गिट्टी, बालू आपूर्ति के लिए दबाव डालते हुए धमकी दी।उसका अपहरण कर धनंजय के घर ले जाया गया।धनंजय पिस्टल दिखाकर उसे धमकी दिए। आरोपियों ने रंगदारी मांगा। आरोपी गिरफ्तार हुए और जिला कारागार में निरुद्ध हैं। अभिनव ने हाल ही में धारा 164 सीआरपीसी के तहत दीवानी न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष कलम बंद बयान दर्ज कराया।बयान की नकल हाईकोर्ट में दाखिल की गई जिसमें अभिनव एफ आई आर में कहे गए कथनों से पूर्णत:मुकर गया और धनंजय व विक्रम के संबंध में कहा कि आरोपियों ने न तो उसका अपहरण कराया न रंगदारी मांगी और न ही धमकी दी। उसे जहां से ले जाया गया था वहीं पर ले जाकर छोड़ दिया गया।