नहीं पहुंचा कोई स्वास्थ्य कर्मी घाट पर, परिजनों ने स्वयं किट पहनकर किया कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार

 

जौनपुर। कोविड-19  गाइडलाइंस की  जनपद के स्वास्थ्य कर्मियों  व प्रशासनिक अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है। लापरवाही से संक्रमित की जान चली गई।रामघाट पर भी परिजनों को थक हार कर अपनी जान जोखिम में डालकर किट पहनकर शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा।


कोतवाली थाना क्षेत्र के वाजिदपुर उत्तरी निवासी उदय जायसवाल की कोविड-19 से हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई।मृतक के भाई मनोज जायसवाल ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि 3 अप्रैल को स्पेशल कोविड हॉस्पिटल जौनपुर, L2 में उसके भाई उदय जायसवाल एडमिट हुए।10 अप्रैल को सुबह फोन मिलाया तो नहीं उठा।हॉस्पिटल जाकर पूछा तो डॉक्टर ने कहा कि उदय की हालत खराब है।कुछ देर बाद बताया गया कि उदय की मृत्यु हो गई।जब डॉक्टर से पूछा कि उन्हें वेंटिलेटर पर क्यों नहीं रखा तो उनका कहना था कि वहां पर वेंटिलेटर ऑपरेटर नहीं है। मनोज का कहना है कि उसके भाई की मृत्यु डॉ व कर्मचारियों की लापरवाही से हुई।जिलाधिकारी से कानूनी कार्रवाई की मांग किया।शव  को ड्राइवर के साथ गाड़ी में रामघाट भेज दिया गया।पीछे पीछे परिजन पहुंचे।आला अधिकारियों को फोन कर 2 घंटे तक राम घाट पर इंतजार के बाद भी जब कोई स्वास्थ्य कर्मी या अधिकारी घाट पर नहीं पहुंचा तो परिजन स्वयं किट पहनकर अपनी जान जोखिम में डालकर शव का अंतिम संस्कार किए।

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  1. Same full behavior from jaunpur administration but same situation in Delhi I am covid positive last 2 days but no any government medical team contact with me now I am check local hospital and isolated him self .

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