नवदुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा का श्रद्धालुओं ने किया पूजन-अर्चन

जौनपुर। वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन शुक्रवार को पूर्वांचल के महत्वपूर्ण शक्तिपीठों में शुमार शीतला चौकियां धाम व अन्य मंदिरों में नवदुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा का श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन किया। बहराम का दिन होने के कारण चौकियां धाम में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। नवरात्र भर व्रत रखने वाले साधकों ने घरों में स्थापित कलश का सविधि पूजन करने के साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। 

 चौकियां धाम में भोर में साढ़े चार बजे मां की मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं के झांकी दर्शन करने का सिलसिला शुरू हो गया। कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंदिर के दक्षिणी द्वार की तरफ जाने वाले मार्ग को रस्सी बांधकर बंद कर दिया गया है। मात्र प्रवेश द्वार से मुख्य द्वार तक दर्शनार्थियों को जाने दिया जा रहा है। मंदिर के मुख्य द्वार पर मां शीतला के प्रतीक स्वरूप रखे पीतल के कलश पर श्रद्धालु हलवा-पूड़ी, फूल-गजरा, नारियल आदि चढ़ाकर मां का झांकी दर्शन करते रहे। परमानतपुर (काली कुत्ती) मां शारदा (मैहर वाली माता) मंदिर, ताड़तला के मां विध्यवासिनी मंदिर, चहारसू चौराहा व ओलंदगंज स्थित चौरा वाली माता मंदिर व अन्य देवी मंदिरों में भी अलसुबह से देर रात तक दर्शन-पूजन का सिलसिला चलता रहा। ऐसी मान्यता है कि अपनी हल्की हंसी से ब्रह्मांड की उत्पत्ति करने वाली मां कुष्मांडा की उपासना से लोग निरोगी होते हैं और उनकी आयु व यश में बढ़ोतरी होती है।

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