डॉ जिया-उल हक कोविड पॉजिटिव रहकर भी निभाते रहे जिम्मेदारी

जौनपुर। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये एक स्वस्थ समाज का निर्माण करने और कोरोना से जंग लड़ने के लिए न जाने कितने कोरोना योद्धा 24 घंटे ड्यूटी कर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। इस दौरान वह पॉज़िटिव भी हुये, होम कोरेंटाइन रहे, फिर भी जिम्मेदारियां निभाते रहे। लेकिन उन्होने कोरोना से जंग में अपने को पीछे न रखते हुये उसका डटकर सामना किया और उसको हराया। इसका नतीजा है कि जिले में जनसंख्या के अनुसार कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार कम है।  

  समाज की सुरक्षा में कुछ जिम्मेदार सुरक्षा कवच की तरह कार्य कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं जिले के महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ जिया-उल-हक की। इनकी भूमिका जिले में महामारी फैलने से रोकने की है। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए वह किसी भी स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय में सुबह नौ बजे ही उपस्थित मिल जाएंगे और रात के 9.30 बजे से 10 तक कोविड मामलों की ट्रेसिंग/आब्जर्वेशन में लगे दिख जाएंगे। कोविड की सैम्पलिंग करने वाली टीम जिन्हें भी लक्षणयुक्त/पॉजिटिव चिह्नित करती है, उसकी पहचान और पता पुष्ट करने के लिए या तो फोन पर बात करते मिलेंगे या सैम्पलिंग की डाटा इंट्री खुद करते या टीम को समझाते मिलते हैं। सैम्पलिंग की तैयार रिपोर्ट को ब्लाकों को भेजते हैं। उसके बाद लक्षणयुक्त/पॉजिटिव लोगों को होम कोरेंटाइन कराने या अस्पतालों में भर्ती कराकर इलाज की सुविधा दिलाने की व्यवस्था कराने में लगे रहते हैं। रैपिड रेस्पॉन्स टीम (आरआरटी) को मौके पर भेजकर लाभार्थी का भौतिक सत्यापन कराते हैं। 
        महामारी न फैलने पाए इसलिए दिल्ली, मुम्बई से आने वालों की सैम्पलिंग कराते हैं। स्वयं भी तथा 10 लोगों की टीम के साथ रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर थर्मल स्कैनर तथा इन्फ्रारेड से बाहर से लक्षणयुक्त लोगों की जांच एवं सैम्पलिंग कराते हैं। मार्च में तो कम पॉजिटिव लोग पता चलते थे लेकिन अप्रैल में बड़ी संख्या में लोग मिले। इस वर्ष मार्च और अप्रैल महीने में 7,000 के करीब सैम्पलिंग करा चुके हैं। इस दौरान प्रतिदिन 20 से 25 लोग पॉजिटिव मिलते रहे। इन दो महीनों में 800 से ज्यादा लोग पॉजिटिव मिल चुके हैं। 
डॉ जिया-उल-हक ऐसी ही सक्रियता पिछले वर्ष के मई, जून और जुलाई में भी कोविड-19 के मामलों के दौरान भी दिखा चुके हैं। पिछले वर्ष 60,000 के लगभग लोगों की सैम्पलिंग करा चुके हैं और 250 के करीब पॉजिटिव लोगों की व्यवस्था करा चुके हैं। इसी सक्रियता के चलते ही वह स्वयं भी कोविड पॉजिटिव हुए और बीते 05 से 16 अक्टूबर तक होम कोरेंटाइन रहे लेकिन इस दौरान भी रिपोर्टिंग और वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी पूरी शिद्दत से निभाते रहे।
यह भी जिले के मुख्य रक्षातंत्र – 
    डॉ जिया उल हक के साथ दो डाटा इंट्री आपरेटर भी पूरी सक्रियता दिखाते हैं। धीरज यादव राज्य सरकार तथा मंडल स्तर से मांगी जाने वाली रिपोर्ट उपलब्ध कराते हैं साथ ही जिले के नोडल अधिकारी की रिपोर्टिंग स्वयं करते हैं। वहीं सुनील यादव जिले के सरकारी/प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल में कोविड मरीजों को भर्ती कराने तथा उन्हें डिस्चार्ज कराने की व्यवस्था पोर्टल के माध्यम से करते हैं। होम आइसोलेशन/फैसिलिटी सर्विस भी इन्हीं के द्वारा पोर्टल पर एलाट की जाती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ राकेश कुमार कहते हैं कि हमारे पास ईपीडिमियोलाजिस्ट डॉ जिया उल हक के नेतृत्व में उत्साही, युवा और कर्मठ टीम है। इस टीम को जिम्मेदारियों के लिए कहना नहीं पड़ता। खुद ही आगे बढ़कर ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी निभाने को तत्पर रहती है।

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