फाइल को 'पंख' लगाएं तभी होगा नक्शा पास
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मड़ियाहूं (जौनपुर)। शहर में एक सुंदर आशियाना बनाने का सपना हर शहरवासी का होता है, लेकिन जितना आसान और खुद के आशियाने का सपना संजोना होता है उतना ही मुश्किल नगर पंचायत से मकान का नक्शा पास कराना होता है।
नगर पंचायत से मकान का नक्शा पास करवाने के लिए न आपको केवल एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा, बल्कि बाबुओं और ईओ की जुगलबंदी के चलते आपको पैसे को पानी तरह बहाना होगा। नगर पंचायत मड़ियाहूं में हो रहा है भ्रष्टाचार कहीं नक्शा बनाने के नाम पर कहीं नक्शा नामांतरण के नाम पर बड़े बाबू लोगों से नगर पंचायत का चक्कर लगवाते हैं , बड़े बाबू से जब पूछा जाता है कि नक्शा मेरा इतना लेट क्यों हो रहा है, तो यह कह कर टाल देते हैं कि अभी नक्सा नहीं बना है एक हफ्ते लगेंगे जब एक हफ्ते के बाद जाओ तो बोलते हैं, हम फाइल चेयरमैन साहब को दे दिए हैं ईओ साहब को दे दिए यही पाठ हमेशा पढ़ाते रहते हैं आखिर कब तक एक दूसरे पर आरोप लगाते रहेंगे।
पीड़ित बृजेश कुमार ने बताया कि नक्शा नामांतरण करने के संदर्भ में अधिशासी अधिकारी को 26/9/ 2020 को प्रार्थना पत्र दिया। अधिशासी अधिकारी तुरंत बड़े बाबू को जांच करने के लिए दिए लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक निस्तारण नहीं हो पाया जबकि रसीद ₹500 ₹1000 कुल पंद्रह सौ रुपए का रसीद कट चुका है इसके बावजूद भी इनका नाम दर्ज नहीं हुआ। चिंतामणि यादव भी नक्शा पास कराने के लिए नगर पंचायत का चक्कर लगा रहे है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही है। ऐसे मड़ियाहु में बहुत से लोग हैं कि नक्शा बनवाने के नाम पर कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।
पीड़ित गंज पाल बस्ती निवासी विक्रम सिंह ने बताया कि शांति सिंह के नाम से नक्शा के लिए हमने नगर पंचायत कार्यालय में बड़े बाबू को बनने के लिए दिया है आज 6 महीने हो गए केवल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
नामित सभासद अरुण मिश्रा ने बताया कि नक्शा बनवाने के लिए लोग दो दो साल से कार्यालय का चक्कर लगाते हैं पैसा देने पर भी काम नहीं होता है। नगर पंचायत के वरिष्ठ बड़े बाबू श्याम नारायण मिश्रा का कार्य सही नहीं है।