दो चर्चित हत्याओं का पर्दाफास करने में नाकाम रही पुलिस
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जौनपुर। हत्या जैसी संगीन वारदातों का भी राजफाश न कर पाने से पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। ओझा की हत्या के करीब दस महीने हो चुके हैं, जबकि चिकित्सक की हत्या के डेढ़ महीने गुजर गए।
बदलापुर थाना देवरामपुर गांव निवासी ओझा उमाशंकर यादव की हत्या तो पुलिस के लिए मानो अबूझ पहेली हो गई है। पिछले साल 13 अक्टूबर की सुबह उमाशंकर यादव की धारदार हथियार से अज्ञात हमलावरों ने गांव में राम जानकी मंदिर के पास उस समय हत्या कर दी थी जब वे रोजाना की तरह घनश्यामपुर बाजार से चाय पीकर साइकिल से घर लौट रहे थे। मृतक के ज्येष्ठ पुत्र आशुतोष यादव की तहरीर पर अज्ञात हत्यारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। करीब दस माह तक छानबीन के बाद पुलिस यह भी पता नहीं लगा सकी है कि हत्या किसने और क्यों की थी। निवर्तमान प्रभारी निरीक्षक जल्द राजफाश करने का दावा करते-करते स्थानांतरित हो गए और मौजूदा प्रभारी निरीक्षक पवन उपाध्याय भी कुछ ऐसा ही दावा कर रहे हैं।