डेंगू पीड़ित बालक को तीन दिन तक भर्ती कर उपचार करने वाले निजी चिकित्सक को नोटिस भेजा जाएगा

 

जौनपुर। डेंगू पीड़ित बालक को तीन दिन तक भर्ती कर उपचार करने वाले निजी चिकित्सक को नोटिस भेजा जाएगा। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि शासन के आदेश के बाद भी आपने डेंगू पीड़ित की सूचना क्यों नहीं दी। इसके अलावा जनपद के सभी निजी चिकित्सकों व पैथालाजी केंद्रों को भी पत्र भेजा जाएगा। शासन का सख्त आदेश है कि प्राइवेट चिकित्सक और पैथालाजी सेंटर संचालक डेंगू व मलेरिया पीड़ितों की रिपोर्टिंग सीएमओ कार्यालय में करें। इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी ने बैठक में निर्देश भी दिया था। इसके बाद ऐसा नहीं किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों से चौंकाने वाले सच सामने आए हैं जिसे देखने के बाद किसी को विश्वास ही नहीं होगा। यही स्वास्थ्य महकमा पर सवाल भी खड़ा कर रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक मच्छरजनित बीमारियों से पीड़ितों का अब तक प्राइवेट चिकित्सालयों में उपचार नहीं किया। सच्चाई तो अस्पतालों में भर्ती मरीज व आर्थिक रूप से बर्बाद हुए तीमारदार ही बयां कर रहे हैं। इतना ही नहीं एक भी पैथालाजी केंद्र से भी किसी मरीज के मिलने की सूचना नहीं दी गई, जबकि सेंटर पर एक घंटे खड़े होने पर तीन से चार लोगों की रिपोर्ट में पाजिटिव बता दिया जा रहा है। सोमवार को जिला अस्पताल आया गंभीर डेंगू पीड़ित बालक के स्वजन निजी चिकित्सकों व पैथालाजी संचालक की कार्य प्रणाली को उजागर कर दिया है। भुड़कुड़हां गांव निवासी आठ वर्षीय गुरमीत का पहले खेतासराय में उपचार हुआ, फिर जिला मुख्यालय के एक बाल रोग विशेषज्ञ ने उपचार के नाम पर अपने हिसाब से शोषण किया। हालत गंभीर हुई तो जवाब दे दिया। हैरत की बात है कि तीन दिन भर्ती करने के बाद भी सीएमओ कार्यालय को न तो सूचना दी गई और न ही एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल भेजा गया। सीएमओ डाक्टर लक्ष्मी सिंह ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। कहा कि निजी चिकित्सक को नोटिस भेजा जाएगा। जनपद के अन्य चिकित्सकों व पैथालाजी केंद्रों को भी पत्र भेजकर चेतावनी दी जाएगी। नियम के विपरीत चल रहे पैथालाजी सेंटर

स्वास्थ्य विभाग के लोगों के मुताबिक बहुत से पैथालाजी सेंटर नियम विपरीत चलाए जा रहे हैं। अधिकांश पर यह शिकायत आ रही है कि रिपोर्ट ही गलत है, जो सही भी है वे विभागीय लफड़े में नहीं पड़ना चाहते हैं। यही हाल प्राइवेट चिकित्सकों की भी है, क्योंकि इस तरीके के रोगियों के इलाज के लिए अलग से वार्ड उनके पास होना चाहिए, जो अधिकांश के पास नहीं हैं। 

पांच दिन में अस्पतालों में आए 1703 बुखार के रोगी

जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच जनपद में संचारी रोगों का भी संक्रमण बढ़ गया है। प्रकोप का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पांच दिन में जनपद के सरकारी अस्पतालों में 1703 बुखार के मरीज उपचार के लिए आए। शासन के निर्देश पर 569 मरीजों के डेंगू की जांच की गई। इनमें 16 पाजिटिव मिले।


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