आयोडीन की कमी से बच्चों में बुद्धिमत्ता में कमी के आलावा होती है कई गंभीर बीमारियां
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जौनपुर। राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियन्त्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्लोबल आई०डी०डी० दिवस के उपलक्ष्य में मुख्य चिकित्सा कार्यालय सभागार कक्ष में सेमिनार/कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० लक्ष्मी सिंह द्वारा आयोडीन की उपयोगिता पर चर्चा की गयी तथा उनके द्वारा बताया गया कि आयोडीन की कमी से बच्चों में बुद्धिमत्ता में कमी, बौनापन, गूंगापन, बहरापन, घेघा, गर्भावस्था के दौरान अचानक गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म, गर्भ में बच्चे का मानसिक विकास में कमी, किशोरावस्था में बढ़त रूक जाती है। महिलाओं में बाझपन आ सकता है।
उक्त बीमारियों से बचाव हेतु आयोडीन युक्त नमक इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया।
उनके द्वारा बताया गया कि भारत की सम्पूर्ण आबादी को आईडीडी का खतरा है, क्योंकि हमारे यहां मिट्टी में खनिज के तौर पर आयोडीन की कमी है। नोडल अधिकारी डा० राजीव यादव द्वारा आयोडीन युक्त नमक के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया गया कि एक स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन 150 माईक्रोग्राम (आधा चम्मच) आयोडीन युक्त नमक का सेवन करना आवश्यक है। आयोडीन से थाईराईड द्वारा हार्मोन्स का निर्माण होता है, जो शरीर के लिए अतिआवश्यक है। उनके द्वारा बताया गया कि भारत में लगभग 35 करोड़ लोग ऐसे है जो पर्याप्त मात्रा में आयोडीन युक्त नमक का सेवन नहीं करते है और इस लिये उन्हें आईडीटी होने का खतरा बना रहता है। उनके द्वारा बताया गया कि आप किस प्रकार का आहार खाते है क्योंकि सभी में आयोडीन की मात्रा बेहद कम है और इस लिये आयोडीन की इस कमी को पूरा करने के लिये आयोडीन से फार्टिफाइड नमक को सप्लीमेन्ट के तौर पर लेना जरूरी है। उक्त कार्यक्रम में कुदर हरिवंश सिंह पैरामेडिकल कालेज की छात्र/छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा० सत्यनारायण हरिश्चन्द्र, डा० एस०पी० मिश्रा, डा० नरेन्द्र सिंह, डा० एस०सी० वर्मा, डी०पी०एम० एन०एच०एम० सत्यव्रत त्रिपाठी, एफ०एल०सी० जय प्रकाश गुप्ता, विनोद मौर्या एवं एन०सी०डी० सेल के सभी अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे साथ ही साथ समस्त सामु०/ प्रा०स्वा०केन्द्रों पर आयोडीन से सम्बन्धित जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया एवं प्रत्येक ब्लॉक के स्कूलों पर आर बी० एस० के टीम द्वारा बच्चों को आयोडीन उपयोगिता के बारे में जागरूक किया गया एवं उनके द्वारा नमक मागाकर जाँच की गयी।