विधान परिषद की समिति ने अधिकारियों को जमकर लगाई फटकार, 3 दिन के अंदर अमृत योजना के भ्र्ष्टाचार सम्बन्धी दस्तावेज़ उपलब्ध कराने के लिए दिए कड़े निर्देश


लखनऊ |  1 दिसम्बर को विधान परिषद की निगमों व निकायों में भ्र्ष्टाचार पर अंकुश लगाए जाने की समिति की बैठक समिति में सभापति व विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई | बैठक में प्रदेश के अन्य मामलों के अलावा जौनपुर में नमामि गंगे के तहत एसटीपी एवम रिवर फ्रंट व अमृत योजना के तहत हो रहे सीवर कार्य में व्याप्त गम्भीर तकनीकी व वित्तीय भ्र्ष्टाचार के मामले की दूसरी सुनवाई सम्पन्न |  पहली बैठक में दिए निर्देश के बावजूद जलनिगम उ0प्र0 द्वारा ज़िला प्रशासन की जांच समिति को जानबूझकर कोई सम्बंधित दस्तावेज़ उपलब्ध नही कराए गए, जबकि इस बाबत 20 नवम्बर को ही मुख्य राजस्व अधिकारी जौनपुर द्वारा जलनिगम को पत्र लिखकर 23 नवम्बर तक सभी सम्बंधित दस्तावेज न प्रस्तुत करने की दशा में शिकायतकर्ता गौतम गुप्ता की सभी शिकायतें बिंदुवार व अक्षरशः सही मानते हुए शासन को रिपोर्ट प्रेषित कर दी जाएगी,  बावजूद इसके विभाग द्वारा बैठक की नियत तिथि 1 दिसम्बर तक कोई कागज़ नही दिए गए, जिस पर जिलाधिकारी जौनपुर द्वारा समिति को भेजे पत्र में कहा गया है कि बार बार मांगे जाने के बावजूद जलनिगम द्वारा उपरोक्त गम्भीर जांच में असहयोग किया जा रहा जबकि पूर्व में निर्गत पत्र में कहा जा चुका है कि तय समय मे भ्र्ष्टाचार से सम्बंधित दस्तावेज़ न उपलब्ध कराने की दशा में शिकायतकर्ता की सभी शिकायते सही मानी जाएंगी, ऐसे में जिला प्रशासन ने समिति से आग्रह किया है कि उपरोक्त बाबत जलनिगम उ0प्र0 को पुनः सभी साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देशित किया जाए,| 


समिति ने बेहद कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दूबे को कड़े शब्दों में निर्देश दिया है कि प्रत्येक दशा में 3 कार्यदिवस के भीतर जौनपुर ज़िला प्रशासन को भ्र्ष्टाचार सम्बन्धी सभी साक्ष्य उपलब्ध कराएं, अन्यथा समिति अगली बैठक में अधिकारियों के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की संस्तुति हेतु बाध्य होगी | बैठक में जौनपुर में बन रहे रिवर फ्रंट मामले पर भी समिति ने गम्भीर आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रमुख सचिव जलशक्ति मंत्रालय व नमामि गंगे के उच्चाधिकारियों को 10 दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने हेतु निर्देशित किया है।

बैठक में शिकायतकर्ता गौतम गुप्ता द्वारा जलनिगम उ0प्र0 पर।गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि विभाग लगातार 6 माह से जिला प्रशासन को दस्तावेज़ के नाम पर केवल बहाना बता रहा है जबकि सभी सम्बंधित दस्तावेज़ अनिवार्य रूप से जौनपुर जलनिगम कार्यालय पर ही उपलब्ध हैं | ऐसे में जानबूझकर कूटरचना के तहत कागज़ न उपलब्ध कराना भी संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।

बैठक में समिति के सदस्य MLC  सी0पी0 चंद, शतरुद्र प्रकाश, सन्तोष यादव सनी समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे | नगर विकास विभाग की ओर से अपर मुख्य सचिव नगर विकास रजनीश दूबे, प्रबन्ध निदेशक जलनिगम उ0प्र0 आलोक कुमार तृतीय, विशेष सचिव नगर विकास संजय सिंह यादव व जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में उपजिलाधिकारी श्री सत्येंद्र कुमार उपस्थित रहे।


स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने  कहा कि स्वच्छ गोमती अभियान माँ गोमती के हितों से कोई समझौता नही करेगा |   संस्था शुरू से ही नमामि गंगे व अमृत योजनांए भ्र्ष्टाचार की बात उठाता आ रहा है, विधान परिषद की समिति, अपर मुख्य सचिव व जिलाधिकारी जौनपुर के निर्देशों में बावजूद जलमिगम द्वारा भ्र्ष्टाचार सम्बन्धी दस्तावेज़ न उपलब्ध कराना ही इस मामले में करोड़ों के भ्र्ष्टाचार की पुष्टि करता है।

रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट में जिन विभागों की अनापत्ति प्रमाण पत्र अनिवार्य है उनकी NOC के अलावा नमामि गंगे के पास सभी विभागों की NOC है, NGT, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व उ0प्र0 प्रदूषण नियन्त्र बोर्ड की NOC के बिना काम कराना एकदम नीतिसंगत संगत नही है, हम इसके विरुद्ध जिलाधिकारी जौनपुर को पत्र देंगे व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे,

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