ईश्वर के प्रति श्रद्धा ने गलन और कोहरे को पीछे छोड़ दिया
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जौनपुर। मन में कर्मों से मुक्ति पाने की इच्छा और ईश्वर के प्रति श्रद्धा ने गलन और कोहरे को पीछे छोड़ दिया। माघ मास की मौनी अमावस्या पर लोगों ने भक्तिभाव का ऊर्जावान कवच धारण कर पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही दान के परंपरा को आगे बढ़ाया। मंगलवार को नदियों के तट पर श्रद्धा का नजारा दिखा।
एक ओर जहां प्रयागराज में करोड़ों लोगों ने अमावस्या के पर्व पर संगम में डुबकी लगाई, वहीं दूसरी ओर वहां तक न जाने वालों ने अपनी श्रद्धा को घाटों पर ही तृप्त किया।
आदि गंगा गोमती के विभिन्न घाटों पर सुबह से भक्त स्नान को पहुंच गए थे। पुण्य स्नान के बाद ईश्वर के प्रति आस्था प्रकट कर जरूरतमंदों को दान भी दिया गया। पर्व पर राजेपुर स्थित संगम, पिलकिछा, बखोपुर स्थित चौरेसननाथ चंदवक स्थित बरैछामहाबीर समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालु पहुंचे। घाटों पर भारी संख्या में महिलाओं समेत बुजुर्ग भी पहुंचे।