सपा सरकार में तीन विधायको को उतारा गया था मौत के घाटः धनंजय सिंह
पूर्व सांसद ने कहा कि सपा सरकार में े एमएलसी अजीत सिंह की उनाव जिले में हत्या कर दी गयी। तत्कालीन सपा सरकार ने उसे एक्सिडेंट बताकर फाइल बंद कर दी। उसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास बसपा विधायक राजू पाल की हत्या इन्ही के पार्टी के नेताओं द्वारा दिन दहाड़े किया गया।
गाजीपुर में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत आठ लोगो को दिन दहाड़े गोलियों से भुन दिया गया। जबकि खुफिया विभाग के रिपोर्ट के बाद भी कृष्णानंद की सुरक्षा व्यवस्था कम दिया गया था। इस हत्याकाण्ड के पर्दाफास के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, बरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी को धरने पर बैठने के बाद सीबीआई जांच हुई।
धनंजय सिंह ने कहा कि मैं जाति धर्म से ऊपर उठकर 2002 में राजनीति में कदम रखा था। उस चुनाव में जनता के आर्शीवाद से निर्दल विधायक चुना गया। 2007 विधानसभा चुनाव में जनता दल यू पार्टी से एमएलए चुना गया। 2009 में बीएसपी से जौनपुर सांसद बना। उसके बाद मेरे पिता राजदेव सिंह रारी के विधायक बने।
मेरे कार्यो के बदौलत मौजूदा समय में बृजेश सिंह प्रिशू एमएलसी है और निर्दल जिला पंचायत अध्यक्ष मेरी पत्नी श्रीकला धनंजय सिंह है।
2012 के नये परिसीमन में रारी विधानसभा को समाप्त करके मल्हनी विधानसभा बनाया गया लेकिन साजिश के तहत इसे सपा मतदाता बाहुल विधानसभा क्षेत्र बना दिया गया। इसके बाद भी 2020 विधानसभा उप चुनाव में मल्हनी विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरे कार्यो व सेवा को देखते हुए मुझे अपना प्रतिनिधि चुनना चाहती थी लेकिन उस समय के आला अफसर मुझे हराने का काम किया।
2022 विधानसभा चुनाव हर जाति धर्म लोेग मेरे साथ है हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण मुझे एक लाख से अधिक वोट मिलेगा। मै रिकार्ड तोड़ बहुमत से एक बार फिर जीत दर्ज करने जा रहा हूं।