एक ऐसा नेता जिसे कार्यकर्ता और जनता ने खुद प्रचार करके बना दिया विधायक

जीत का प्रमाण पत्र भी समर्थको ने लिया 

जौनपुर। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीद्वारो ने लखनऊ,दिल्ली समेत पार्टी के बड़े नेताओं के घरो और कार्यालयों की परिक्रमा किया। इसमें कई नेता कामयाब हो गये तो कईयों का आरमान अधूरा रहा गया लेकिन जिले के एक नेता ऐसा भी नेता है जो टिकट लेने के लिए कही नही गया, तन पर कुर्ता लुंगी पहने और गले में गमच्छा लटकाये घर बैठे रहे इसके बाद भी सपा-सुभासपा गठबंधन से छड़ी चुनाव निशान वाला टिकट चलकर उनके पास आया । कम समय में चुनाव प्रचार करके मैदान में बाजीमारी और जीत का प्रमाण पत्र भी लेने के लिए काउंटिंग स्थल तक नही गये। हम बात कर रहे है पूर्व कैबिनेट मंत्री जगदीश नारायण राय की। 

श्री राय जफराबाद विधानसभा सीट पर सपा-सुभासपा गठबंधन से चुनाव मैदान में उतरे थे , उनके पक्ष में न किसी बड़े नेता ने रैली किया न ही रोड शो वे स्थानीय पार्टी के नेताओ,कार्यकर्ताओ व अपने समर्थको बदौलत बीजेपी प्रत्याशी विधायक डा0 हरेन्द्र सिंह को हराकर पिछले दस वर्षो की राजनीति के वनवास को समाप्त करते हुए पुनः विधानसभा में पहुंच गये। 

जगदीश नारायण राय पूर्वाचंल की राजनीति में वह चमकता चेहरा है जो पद पर रहे या पद विहिन लेकिन हैसियत हर स्थिति में एक जैसी रही। बसपा सरकार में तीन बार विधायक रहे, दो दफे मंत्री का ओहदा रहा लेकिन वे हमेशा जनता के बीच में ही बने रहे साधारण व्यक्तित्व के धनी कभी अपने ओहदे का गुमान नही किया। अमीर हो या गरीब, राजा हो या रंक सबके साथ एक जैसा व्यवहार रखते है। 

2022 विधानसभा का विगुल बजने से पहले ही चुनाव लड़ने वाले नेताओं ने लखनऊ, दिल्ली के पार्टी मुख्यालयों के साथ ही अपने अपने बड़े नेताओं की चाकरी शुरू कर दिया था। जमकर खून पसीना के साथ पानी की तरह पैसा बहाया। इसमें किसी को कामयाबी मिली तो कईयों का मायूसी ही हाथ लगी। 

2012 से पदविहिन हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री सपा नेता जगदीश नारायण राय भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जफराबाद विधानसभा से चुनाव मैदान में आने की मंशा जाहिर किया था। लेकिन व अन्य नेताओं की तरह लखनऊ,दिल्ली और सैफई का चक्कर न काटकर घर पर ही रहे। यह सीट गठबंधन की तहत सुभासपा के खाते में चली गयी। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी श्री राय पर भरोषा जताते हुए नामाकंन के आखिरी 17 फरवरी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। जगदीश राय का टिकट फाइनल होने की खबर मिलते ही उनके समर्थको मेें खुशी की लहर दौड़ पड़ी। नामाकंन करने के लिए अपने घर कबीरूद्दीपुर गांव से निकले तो बिना बुलाये भारी संख्या में कार्यकर्ता, समर्थक अपने वाहन लेकर नामाकंन जुलूस में शामिल हो गये।  नामाकंन करने के बाद जगदीश राय घर पहुंचे तो वहां कार्यकर्ताओ का हुजुम गर्मजोशी से स्वागत किया था। यह सिलसिला तीन दिन तक चला। भारी संख्या में जनता घर पर ही पहुंचने से वे क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए नही निकल सके। 

इस मामले पर शिराज ए हिन्द डॉट काम ने रविवार को जगदीश नारायण राय से खास बातचीत किया। श्री राय ने बताया कि मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर पूरा भरोषा था तथा उनका मेरे ऊपर। जिसके कारण मुझे टिकट लेने के लिए दौड़ भाग नही करनी पड़ी। नामाकंन के अंतिम दिन सिब्बल मिला उसी दिन मैने नामाकंन दाखिल किया। उसके बाद जब मैं घर पहुंचा तो मेरे क्षेत्र जनता खुद मुझे मेरे दरवाजे पर मौजूद मिली यह सिलसिला तीन दिनों तक चलता रहा मै घर से नही निकल पाया लेकिन मेरे पार्टी नेता,कार्यकर्ता,युवा सभी तन,मन और धन से चुनाव प्रचार किया। श्री राय ने बताया कि मुझसे किसी कार्यकर्ता एक पैसा नही लिया बल्की अपना ही पैसे से वाहनों में तेल डलवाकर चुनाव प्रचार किया। उनका दावा है कि जीतने कम पैसे में मैने चुनाव लड़ा उतने कम पैसे में प्रदेश का कोई प्रत्याशी चुनाव नही लड़ा है। 

क्षेत्र के विकास के बारे में बताया कि कहा कि हमारी सरकार भले ही नही बन पायी है इसके बाद भी क्षेत्र के विकास के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़कर अवश्य योजनाएं लाने का प्रयास करूंगा। 


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