कभी भाई की जान बचाने के लिए खून के लिए दर दर भटकी, अब रक्त देकर दूसरो की बचा रही है जान

जौनपुर। करीब 12 वर्ष पूर्व अपने इकलौते भाई की जान बचाने के लिए खून के एक-एक कतरे के लिए संर्घष करने वाली एक महिला आज दूसरों की जान बचाने के लिए खून का इंतजाम पलभर में कर देती है। यह साहसी महिला केवल जिले में ही नही बल्की देश के कोने कोने में मदद मांगने वालों को रक्त की व्यवस्था कर देती है। इस समाज सेवी महिला ने पूरे देश में अपना नेटवर्क फैलाने में करणी सेना की मदद से काबयाब हुई है। 

नगर के चांदपुर मोहल्ले के निवासी समाजसेवी उर्वशी सिंह के एकलौते भाई अतुल सिंह का सन् 2009 में लखनऊ में एक्सीडेंट हो गया। गम्भीर रूप से घायल होने के कारण उन्हे कई यूनिट खून की जरूरत पड़ी। उर्वशी ने भाई के दोस्तो के मदद से खून की व्यवस्था किसी तरह से करती रही लेकिन भाई की जान नही बचा पायी। तीन बहनों में एकलौता भाई खोने से पूरा परिवार दहल गया। मां बाप की हालत सबसे खराब हो गयी। किसी तरह दो वर्ष बाद स्थिति समान्य हुई। भाई की जान बचाने के लिए खून के एक एक कतरे की दर दर भटकी उर्वशी ने ठान लिया कि अब हमारे जिन्दगी बस एक ही मकसद है हमारे जैसे पीड़ितों के लिए खून की व्यवस्था कराना। 

उर्वशी सिंह ने बताया कि उसके बाद मैने समाजसेवा में कदम रख दिया। पहले जिले स्तर पर ही पीड़ित मरीजों को अपना और अपने परिवार के लिए रक्तदान करना शुरू की। उसके बाद करणी सेना की सदस्य बन गयी। संगठन ने मुझे प्रदेश में पदाधिकारी बनाया। प्रदेश की जिम्मेदारी होने के कारण पूरे देश के बड़े पदाधिकारियों से सीधा सम्पर्क हो गया। जिसके कारण देश के कोने कोने में पीड़ित मरीजों की सहायता कर पाती हूं। 


उर्वशी ने बताया कि पूरे प्रदेश सहित अन्य राज्यों में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरूरतमंद की एक कॉल पर अपने सहयोगियों के माध्यम से खून देकर सहायता करती हूँ।  उर्वशी सिँह ने इस मुहिम से सैकड़ों लोगों की जान बचाई है।  कोविड-19 महामारी के द्वारा जब एक दूसरे के पास लोग खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे उस समय अपने दोस्तों और परिचितों को जोड़कर मानवता के लिए एक ग्रुप बनाया जिसमें जिले सहित लखनऊ कानपुर प्रयागराज आजमगढ़ बाराबंकी बरेली मुरादाबाद दिल्ली हरियाणा जम्मू कश्मीर बिहार उड़ीसा तक के  कोई जरूरतमंद कॉल करता है तब अपने सहयोगियों के मदद से अपील करती है। 
 उर्वशी सिंह की अपील है कि  ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आकर जरूरतमंदों को समय-समय पर ब्लड देकर जान बचाने में सहायक बने ताकि खून की कमी से किसी की असमय मृत्यु न हो।  उर्वशी सिंह कहती हैं कि उनके पास समय-समय पर ब्लड के लिए लोगों के फोन कॉल या मैसेज आते हैं जिसका कोई भी निर्धारित समय नहीं रहता रात के 3:00 बजे तक भी फोन आता है तो वह तुरंत ब्लड के लिए व्यवस्था करने में लग जाती हैं। 
 अभी कुछ दिन पहले दिल्ली एम्स में एक बच्ची को 3 यूनिट ब्लड दिलाया, जम्मू कश्मीर में एक गर्भवती महिला को ब्लड दिला कर उसकी जान बचाई। जौनपुर शहर में भी समय-समय पर लोगों की मदद करती रहती हैं। बीते शनिवार को  एक वृद्ध महिला को दिल की प्रॉब्लम थी जिसके लिए उनके पास फोन आया और वह तुरंत ब्लड की व्यवस्था में लग गए और 10 मिनट के अंदर ब्लड दिला दिया। कुछ दिन पहले जौनपुर में भी एक महिला को ऑपरेशन के समय ब्लड का इंतजाम कराया।  ऐसे बहुत सारे लोगों की मदद उन्होंने समय समय पर किया है।  ब्लड पाने के बाद लोग उर्वशी सिंह की दिल खोलकर सराहना करते हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।  उर्वशी सिंह बिना प्रचार प्रसार के मानवीय मूल्यों के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य कर रही हैं।  

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