खुदा के हुक्म के मुताबिक जिंदगी में अमल जरूरी:मौलाना मनाजिर
मौलाना मनाजिर ने कहा कि जो बच्चे अपने वालदैन को हमेशा याद करते हैं उनके घरों पर खुदा रहमत अता करता है। मरहूम के ईसाले सवाब के जरिए हम सब इमाम को याद करते हुए खुदा से उनकी मगफिरत के लिए दुआ करते हैं क्योंकि हमे यकीन है कि वोह खुदा के करीब हैं। इसलिए अपने मरहूमों को जरूर याद करते हुए फातेहा पढ़ना चाहिए जिससे कि आप के हर एक काम में खुदा की रहमत बनी रहे। मौलाना ने कर्बला में इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत को याद करते हुए कहा कि दीने इस्लाम को बचाने के लिए इमाम हुसैन ने अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया पर यजीदी हुकूमत के सामने सर नहीं झुकाया। आज जो इस्लाम जिंदा है वोह उनके कुर्बानियों की देन है। मजलिस के बाद अंजुमन शमशीरे हैदरी के नौहे खां शहजादे ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। इस मौके पर मौलाना शेख हसन जाफर, पूर्व सभासद शाहिद मेंहदी, नियाज हसन, अजादार हुसैन, सैयद गौहर अली जैदी, सैयद शाकिर जैदी, सैयद आमिर अब्बास, उस्मान सहित अन्य लोग मौजूद रहे। आभार सैयद हसनैन कमर दीपू ने प्रकट किया।