भीषण गर्मी से राहत नहीं, उमस से बेहाली
सुबह से ही सूर्यदेव के तेवर तल्ख थी और उमस भी काफी अधिक थी। दिन चढ़ने के साथ तपिश बेहिसाब बढ़ गई और झुलसाने वाली गर्मी हो गई थी। सुबह के वक्त बाजार भीड़ से भरे थे, लेकिन दोपहर में खाली नजर आए। लोगों ने घरों में रहना ठीक समझा। वहीं, जो लोग बाहर निकले, वह छाता लेकर या सिर- मुंह को सूती कपड़े आदि से ढककर ही निकले। शाम को चार बजे के बाद आसमान में कुछ बादल छाए गए। धूप तो हल्की पड़ी, लेकिन उमस में और अधिक इजाफा हो गया। गर्मी की स्थिति यह बनी है कि कूलर-पंखें भी गर्म हवा दे रहे हैं। एसी भी बहुत अधिक ठंडा नहीं कर रहे हैं। गर्मी से जल्दी राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। वहीं, तापमान में अधिक होने के कारण धान और गन्ने की फसल को नुकसान पहुंच रहा है। गन्ने की पत्तियां सूखकर सफेद हो रही हैं। धान की नर्सरी को बचाने के लिए किसान शाम और रात के समय सिचाई करने में जुटे हैं।