राष्ट्र की रक्षा का संकल्प लेने के समान कोई अन्य पुण्य कार्य नहीं है : रामाशीष
कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दो उद्देश्य से रक्षाबंधन मनाता है। एक देश में लोग जब एक-दूसरे को रक्षा सूत्र बांधते हैं तो वह एक संदेश देता है कि आपको धर्म से डिगने न दें और माता और बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं। दूसरा देश की रक्षा होनी है। देश की रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं है। आज देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है। स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 15 अगस्त को स्वाधीनता का उत्सव मनाएं, लेकिन 14 अगस्त को देश के विभाजन की विभीषिका का भी स्मरण करेंगे और 15 अगस्त को राष्ट्र की सुरक्षा का संकल्प लेंगे। उन्होंने विभाजन के समय वेद प्रकाश तनेजा का उदाहरण देते हुए उस विभीषिका को याद किया। कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा लहरना चाहिए।
कहा कि संघ यह चाहता है कि हर घर में भगवा ध्वज होना चाहिए। इससे हमारी संस्कृति और संस्कारों की रक्षा होती है। उन्होंने कहा कि यहां हिंदू लोग एक ही वर्ण के माने जाएंगे। समाज के अंदर समरसता आनी चाहिए। हमारी पहचान हिंदुत्व की है। सभी हिंदू एक विशाल वट वृक्ष की तरह हैं। इस मौके पर जिला संघ चालक डा. सुभाष सिंह, नगर संघ चालक धर्मवीर आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता रामजतन ने किया।