हट जाओ हमको नाना के रौजे़ पर जाना है.....

 

जौनपुर। जुलूसे अमारी रन्नो का कार्यक्रम गुरूवार को बक्शा क्षेत्र के दक्षिणपट्टी गांव में संपंन हुआ। पूरे दिन चले इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आये उलेमा व खतीबों ने जहां तकरीर की वहीं अंजुमनों ने अपने मखसूस अंदाज में नौहा पेश करते हुए सीनाजनी की। कई विश्व स्तरीय नौहाखां ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उनके नौहों पर लोगों ने आंसू बहाये। 

गांव के अजाखाने से सुबह आठ बजे निकला जुलूस देर शाम अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ रौजए रसूल पर पहुंचा जहां अलविदाई तकरीर के साथ स्थानीय अंजुमन ने नौहा मातम करते हुए जुलूस को ठंढा किया। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत रिजवान हैदर व उनके हमनवां की सोजखानी से हुई जिसके बाद आलीजनाब मौलाना सगीर हसन खां साहब ने मजलिस को खेताब किया। इस दौरान उन्होंने रसूल व आले रसूल की सीरत पर रौशनी डाली। मजलिस के बाद मौलाना हुसैन अकबर रईस व उनके साथ कैफी रन्नवी ने नकाबत की और एक एक कर अलम, जुल्जनाह व अमारियों का जुलूस बरामद हुआ। जिसके फौरन बाद देहली से आये कर्रार मौलाई ने अपने मखसूस अंदाज में नौहा पेश किया और अंजुमन अजाये हुसैन अंबेडकरनगर जलालपुर ने अपने दस्ते के साथ नौहाखानी व सीनाजनी की। जिसके बाद आलीजनाब मौलाना कर्रार हैदर मौलाई देहली ने पहली तकरीर की और पुन: अजाऐ हुसैन जलालपुर ने नौहा व मातम किया। इसके बाद जुलूस आगे बढ़ता हुआ सगीर हसन के दरवाजे से होकर लड्डन खां के दरवाजे पहुंचा जहां कनाडा से आये मौलाना इमाम हैदर ने फजायल व मसायब बयान किया और तकरीर के फौरन बाद मुजफ्फरनगर से आई अंजुमन दुआए जहरा ने नौहाखानी व सीनाजनी की और जुलूस मकतल पहंुचा जहां मौलाना कल्बे रूशैद देहली ने मजलिस को खेताब करते हुए मसाएबे कर्बला बयान किया जिसके फौरन बाद मौलाना कर्रार मौलाई ने नौहा पेश किया और विश्व स्तरीय नौहाखां जनाब अमीर हसन आमिर ने अपना मशहूर नौहा पेश किया और जुलूस मकतल से इरफान प्रधान के दरवाजे पहुंचा जहां फखरे मिल्लत मौलाना यासूब अब्बास लखनवी ने तकरीर की और मीसम गोपालपुरी व अमीर हसन आमिर ने नौहा पेश किया जिसके बाद अंजुमन असगरिया कदीम अमहट ने नौहाखानी व सीनाजनी की और जुलूस बढ़ता हुआ मौलाना हसन अकबर के दरवाजे पहुंचा। जहां मौलाना सैयद जाफर रिजवी देहली ने फजायल व मसाएब बयान किया और शबीह आरफी मुजफ्फरनगर व अंजुमन सज्जादिया रजि.मुफ्तीमुहल्ला ने नौहा पेश किया और जुलूस धीर धीरे रौजए रसूल की तरफ बढ़ने लगा जहां देर शाम अंजुमन इमामिया रन्नों ने अलविदाई नौहा पढ़ा और वसीका अरबी कॉलेज फैजाबाद के प्रो.मौलाना वसी हसन ने अलविदाई तकरीर की और जुलूस ठंढा किया। पूरे दिन चले इस जुलूसे अमारी के कार्यक्रम में विभिन्न स्थानीय अंजुमनों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। अंजुमन अल अब्बास ने जहां सबीले नज्रे हुसैन का इंतजाम किया वहीं अंजुमन हुसैनिया ने मोमनीन के नाश्ते का इंतजाम किया। अंजुमन असगरिया व जियाउल ईमान की तरफ से चाय की सबील चलाई गई। जबकि अंजुमन जुल्फेकारी हैदरी की जानिब से आने वाले सभी मोमनीन के खाने का इंतजाम किया गया था। इसके अलावा पूरे गांव के लोगों की तरफ से अपने अपने घरों पर सभी जायरीन के लिए खाने पानी का मुकम्मल इंतजाम किया गया था। हजारों की संख्या में जुटी जायरीनों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पोख्ता इंतजाम किये थे और पीएससी व पुलिस के सैकड़ों की तादात में जवान जगह जगह तैनात थे। 
सीओ सदर समेत तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर जायजा ले रहे थे। अंजुमन जुल्फेकारे हैदरी व मोमनीने रन्नों की जानिब से हुए इस आयोजन में मौलाना हसन अकबर ने आये हुए लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। अली आला खां द्वारा सजाया गया मकतल का दृष्य और एक सौ दस फिट ऊंचे अलम की जियारत करने के लिए जायरीनों का दिनभर रेला लगा रहा। जुलूस के सदर हुसैन अकबर रईस के अलावा अलमदार अली, अबुल हसन, जानेसार हैदर, हुसैन एबाद, मौलाना फरमान अली, जुल्फेकार हैदर, इरफान प्रधान, सरदार अहमद समेत तमाम कार्यकर्ता पूरे दिन लगे रहे।

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