निरंतर प्रयास से ही लक्ष्य की प्राप्ति होती है

 

जौनपुर। महात्मा गौतम बुद्ध को भी लगातार प्रयास करने के बाद ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी । इसलिए निरंतर प्रयास का कोई विकल्प नहीं है। सचेत होना जीवन की पहली प्रक्रिया है । जो लोग सचेत होकर प्रयास करते हैं वह निश्चित रूप से सफल होते हैं।' उक्त उद्गार तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय,जौनपुर में आयोजित विशेष आमंत्रित व्याख्यान में यू.पी.कॉलेज वाराणसी के प्राचार्य प्रो.धर्मेंद्र कुमार सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमें मन को केंद्रित रखकर प्रयास करने की आवश्यकता है, क्योंकि कम विषयों पर विचार, समाधि की अवस्था है और अधिक विषयों पर विचार पागलपन की। स्वामी विवेकानंद एक किताब को एक दिन में पढ़ते थे किंतु उस पर कई दिन विचार करते थे। मन एक जगह एकाग्र करने से हम दुनियाॅं की बेकार बातों से बच जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थी जीवन में कभी खराब समय नहीं होता,लगन के साथ लगे रहने पर सब कुछ अच्छा होता है। उम्मीदों का मरना सबसे बड़ी त्रासदी है,इसलिए उम्मीद रख कर प्रयास करना चाहिए। दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर असंभव काम को भी संभव बनाया जा सकता है। नई पीढ़ी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी पुरानी से बहुत आगे है और उसके लिए हर क्षेत्र में अनंत संभावना है। सुविधा और अमीरी से कुछ नहीं होता,सचेत होकर प्रयास करने से सब कुछ होता है। वर्तमान में अवसर बढ़े हैं।अब पूरी दुनियाॅं हमारे लिए खुली है।हमें उसका लाभ लेना चाहिए।उन्होंने महाराजा मानसिंह के कथन-'जाको मन में अटक है,वाको अटक यहाॅं। जाको मन में अटक ना,वाको अटक कहाॅं।।' के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिसके मन में लक्ष्य के प्रति आशंका नहीं है,उसे सफल होने से कोई रोक नहीं सकता और जिसके मन में लक्ष्य के प्रति आशंका है,उसे कभी सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने यह भी कहा कि-'तू जिंदा है तो जिंदगी की जंग को कबूल कर। है कहीं ईश्वर तो उतार ला जमीन पर।। जब हम इस हद तक अपने लक्ष्य के लिए प्रयास करेंगे तब दुनियाॅं की कोई चीज हमें लक्ष्य प्राप्त करने से रोक नहीं सकती।

    इससे पूर्व कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए प्राचार्य प्रो. आलोक कुमार सिंह ने कहा कि महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक सप्ताह एक उत्प्रेरक व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा। इसके अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रसिद्ध विद्वानों के व्याख्यान कराए जाएंगे। जिससे विद्यार्थी उनके अनुभव और ज्ञान को प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का पूर्ण प्रयोग कर सकें। कार्यक्रम में बोलते हुए व्याख्यान समिति के संयोजक प्रो.जी.डी. दुबे ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रो.धर्मेंद्र सिंह जैसा व्यक्तित्व हमारे मध्य अपना व्याख्यान देने के लिए उपस्थित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि व्याख्यान समिति भविष्य में अनवरत रूप से ऐसे कार्यक्रम कराती रहेगी।

    धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. सूर्य प्रकाश सिंह 'मुन्ना' ने कहा कि ऐसे उत्प्रेरक व्याख्यान से विद्यार्थी निश्चित रूप से लाभ लेंगे और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा। कार्यक्रम का संचालन बी.एड. विभाग की प्रो.श्रद्धा सिंह ने किया। इस अवसर पर विधि विभाग के प्रो. संतोष सिंह, हिंदी विभाग के प्रो. राजदेव दुबे एवं डॉ.महेंद्र कुमार त्रिपाठी, इतिहास विभाग की प्रो.शशि सिंह, समाजशास्त्र विभाग के डॉ.हरिओम त्रिपाठी, मनोविज्ञान विभाग की डॉ.माया सिंह,डॉ.शुभ्रा सिंह एवं डॉ.राजेंद्र प्रसाद गुप्त, गृह विज्ञान की डॉ.आशा सिंह, शशांक दुबे,प्रतीक मिश्र,चंद्र प्रकाश गिरि,रितेश सिंह सहित बड़ी संख्या में बीए एवं एलएलबी के छात्र उपस्थित रहे।

     

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