संगत पंगत ने मनाया लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती

 

जौनपुर।संगत पंगत जौनपुर द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जन्म जयंती संगत पंगत के जिलाध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव हैप्पी के आवास पर मनाई गई।

अध्यक्षता जिलाध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव हैप्पी व संचालन जिला महासचिव सुलभ श्रीवास्तव ने किया।संगत पंगत के प्रदेश सहसंयोजक राजेश श्रीवास्तव बच्चा भइया एडवोकेट ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम से लेकर आपातकाल तक तमाम आंदोलन में लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही देश क्रांति के गौरव, सर्वोदय व किसान आंदोलन की स्वच्छ लोकनीति के जनक, #संपूर्ण_क्रांति के लिए देश की अवाम को लोकतंत्र की शक्ति से अवगत कराने वाले 'भारतरत्न' 'लोकनायक' जयप्रकाश नारायण की जन्मजयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिलाध्यक्ष जौनपुर/प्रदेश महामंत्री/संरक्षक संगत पंगत राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि 11 अक्टूबर 1902 को सारण, बिहार के सिताब-दियारा में एक सितारे ने जन्म लिया, जिसका नाम था जय प्रकाश नारायण। 9 वर्ष की आयु में वे गाँव से पटना आ गए और 'पटना कॉलेजिएट स्कूल' में दाख़िला लिया, यहीं पढ़ाई के दौरान उन्हें मैथिलीशरण गुप्त, भारतेंदु हरीशचंद्र जैसे महान लेखकों को पढ़ने का मौक़ा मिला। 1923 में उन्होंने अमरीका के बर्कले विश्वविद्यालय से आगे की पढ़ाई पूरी की। 1929 में स्वदेश लौटे तो नेहरू जी के सम्पर्क में आए और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गए। 

कायस्थ कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 1932 में जब संग्राम के सभी बड़े नेता गिरफ़्तार कर लिए गए तो जे.पी. ने नेतृत्व का मोर्चा सम्भाला और मद्रास में गिरफ़्तार कर लिए गए।

संगत पंगत के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विश्व प्रकाश श्रीवास्तव दीपक पत्रकार ने कहा कि जेल में ही उन्होंने एक नई पार्टी 'कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी' की स्थापना की। 1934 में उनकी पार्टी ने कांग्रेस पार्टी के चुनाव लड़ने का विरोध किया, द्वितीय महायुद्ध में ब्रिटिश सरकार को इस्पात न मिले, इस उद्देश्य से टाटा स्टील में हड़ताल करवायी, उन्हें गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया जहां से वे 1942 में फ़रार हो गए। 1954 में वे 'आचार्य' विनोबा भावे के सर्वोदय आंदोलन से जुड़ गए।संगत पंगत के जिलाध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव हैप्पी ने कहा कि  1957 में उन्होंने लोकनीति के लिए राजनीति को छोड़ने का एतिहासिक फ़ैसला लिया। 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगायी गयी इमरजेंसी के विरोध में पटना के गांधी मैदान में विशाल जनसमूह को सम्बोधित किया और यहीं उन्हें 'लोकनायक' की उपाधि दी गयी। उनके द्वारा चलाए गए सम्पूर्णक्रांति आंदोलन के फलस्वरूप 1977 में आपातकाल हटा।

वरिष्ठ अधिवक्ता व संगत पंगत के संरक्षक सरस चन्द श्रीवास्तव ने कहा कि आपातकाल के बाद चुनाव हुए तथा ग़ैर कांग्रेसी सरकार सत्ता में आयी। जे. पी. समाजवादी, सर्वोदयी तथा लोकतान्त्रिक जीवन पद्धति के समर्थक थे। आपातकाल के दौरान जेल में ही उनकी तबियत काफ़ी बिगड़ गयी, उनकी किडनी ख़राब हो गयी और कुछ समय तक वे डायलायीसीस पर रहे। 8 अक्तूबर 1979 को पटना में दिल का दौरा पड़ने से बिहार के इस महान 'लोकनायक' का निधन हो गया।

उनका जन्म 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के जन्मजयंती पर राकेश श्रीवास्तव पूर्व अधिकारी, शरद श्रीवास्तव संजय अस्थाना वरिष्ठ पत्रकार, प्रदीप श्रीवास्तव, दीवानी संघ के ऑडिटर अतुल श्रीवास्तव एडवोकेट, श्याम रत्न श्रीवास्तव, अंकित श्रीवास्तव डॉ सम्पूर्णानंद श्रीवास्तव संतोष निगम, अनीश श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव,शशि श्रीवास्तव एडवोकेट, प्रशांत पंकज श्रीवास्तव एडवोकेट, अनुपम श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव एडवोकेट,महिला जिलाध्यक्ष डॉ प्रतिमा श्रीवास्तव महिला जिला महामंत्री प्रियंका श्रीवास्तव खुशबू डॉ रवि श्रीवास्तव,आयुष अस्थाना, अमर श्रीवास्तव श्रीयन्स श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव अज्जू,अर्पित श्रीवास्तव,आशीष श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, आलोक श्रीवास्तव विजय श्रीवास्तव, कुँवर अस्थाना आदि लोगो ने जन्म जयंती पर श्रंद्धाजलि अर्पित किया।

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